इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में वन नेशन, वन इलेक्शन विषय पर राष्ट्रव्यापी विचार एवं परामर्श सम्मेलन आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति वी.एस. कोकजे ने की।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का संबोधन
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद सुशासन की नई मिसाल स्थापित हुई और अब वन नेशन, वन इलेक्शन भी उसी दूरदर्शी सोच का हिस्सा है।
व्यवस्था से होगा समय और धन की बचत
मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले पांच वर्षों से इस विचार को लेकर लगातार जागरूकता फैला रहे हैं। एक साथ चुनाव कराने से न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी बल्कि अनावश्यक खर्चों से भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे और इस परंपरा को फिर से अपनाना देश की अर्थव्यवस्था के हित में होगा।
मोदी के नेतृत्व पर भरोसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हर चुनौती का डटकर सामना किया है और युद्ध जैसी परिस्थितियों में भी भारत को मजबूत नेतृत्व प्रदान किया है। उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा मानते हुए सभी भारतीय भाषाओं को समान सम्मान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
सांसद शंकर लालवानी ने बताया ऐतिहासिक पहल
कार्यक्रम के संयोजक सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन सिर्फ राजनीतिक व्यवस्था का सुधार नहीं बल्कि विकास की गति बढ़ाने वाला ऐतिहासिक कदम है। बार-बार होने वाले चुनावों के कारण प्रशासनिक ऊर्जा और आर्थिक संसाधनों का बंटवारा होता है, जबकि यह व्यवस्था उन्हें विकास कार्यों में लगाएगी।
बड़ी संख्या में गणमान्य लोग हुए शामिल
इस मौके पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक मधु वर्मा, रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, सुमित मिश्रा, मलिन गोड और टीनू जैन समेत बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन और नागरिक उपस्थित रहे।