‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि बौखलाए पाकिस्तान ने एक और कायराना हरकत कर डाली। 7 और 8 मई की रात पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइलों की बारिश करने की नापाक कोशिश की। लेकिन भारतीय सेना ने हर वार को नाकाम कर अपने पराक्रम से दुश्मन को करारा जवाब दिया।
36 जगहों से की घुसपैठ की कोशिश
विदेश मंत्रालय की ओर से बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की करतूतों की पोल खोल दी। इस दौरान बताया गया कि पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के इरादे से एक के बाद एक 36 जगहों पर घुसपैठ की कोशिश की, और 300 से 400 ड्रोन भारतीय सीमाओं में भेजे।
तुर्की से तकनीकी मदद ले रहा पाकिस्तान
जांच में सामने आया है कि ये सभी ड्रोन तुर्किये में बने “असिसगार्ड सोंगर” ड्रोन थे, जिनका इस्तेमाल युद्ध क्षेत्र में निगरानी और हमले के लिए किया जाता है। पाकिस्तान की इस हरकत से साफ है कि वह तुर्की से तकनीकी मदद लेकर क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की फिराक में है।
अन्तराष्ट्रीय विमानों को लगाया दांव पर
लेकिन यही नहीं, सबसे खतरनाक खुलासा यह हुआ कि पाकिस्तान ने जानबूझकर अपना नागरिक हवाई क्षेत्र खुला रखा, ताकि भारत की जवाबी कार्रवाई के समय अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया जा सके। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने फ्लाइट रडार 24 से मिले डेटा के स्क्रीनशॉट दिखाते हुए बताया कि जबकि भारत ने अपने क्षेत्र को नागरिक विमानों के लिए बंद कर दिया, पाकिस्तान के लाहौर और कराची सेक्टर में व्यावसायिक विमान उड़ान भरते रहे। “भारत ने न केवल संयम दिखाया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि उसकी जवाबी कार्रवाई से कोई निर्दोष नागरिक प्रभावित न हो,” कर्नल सोफिया कुरैशी ने दो टूक कहा।
400 ड्रोन से किया हमला
पाकिस्तान की ओर से 400 ड्रोन भेजे गए। लेकिन भारतीय वायुसेना की तगड़ी एयर डिफेंस ने उनमें से कई को हवा में ही ध्वस्त कर दिया। सीमा पर भारी गोलाबारी के बीच भारतीय सेना ने लाहौर, कराची और सियालकोट के पास स्थित पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक और विध्वंसक हमले किए। भारत ने फिर दिखा दिया कि वह न सिर्फ हमलों का सामना करना जानता है, बल्कि पलटवार भी उसकी खासियत है। पाकिस्तान को एक बार फिर समझ में आ गया कि भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ की कीमत कितनी भारी हो सकती है।