स्वतंत्र समय, भोपाल
कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि वोटिंग प्रतिशत कम होने से बीजेपी ( BJP ) को नुकसान होगा और उन्हें फायदा। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक कुणाल चौधरी ने शनिवार को पीएससी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों का बीजेपी से मोह भंग हो गया है। वोटिंग प्रतिशत कम होना, इसका साफ इशारा है कि बहनें वोट करने नहीं निकल रही हैं। कुणाल चौधरी आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा नेता डर का वातावरण बना रहे हैं।
BJP ने बोला है जिस मंत्री के क्षेत्र में कम वोटिंग तो उसका पद जाएगा
कुणाल चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में वोटिंग प्रतिशत कम होने से देश के गृहमंत्री अमित शाह भोपाल पहुंचे और मध्यप्रदेश की सरकार में मंत्रियों को नसीहत दी है कि जिनके क्षेत्र में वोटिंग कम होगी, उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है। उन्होंने इस पर कहा कि मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला के रीवा क्षेत्र में केवल 49 प्रतिशत वोटिंग हुई है, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में 60% वोटिंग हुई थी। 11 प्रतिशत वोटिंग कम होने पर अमित शाह क्या डिप्टी सीएम शुक्ला को हटाएंगे। इसी प्रकार कुणाल ने प्रहलाद पटेल, शिवाजी पटेल और संपतिया उइके समेत कई मंत्रियों के नाम बताए, जिनके क्षेत्र में वोटिंग प्रतिशत कम रही है। उन्होंने अमित शाह को चैलेंज किया है कि अगर वह अपनी बात पर कायम हैं तो इन सब मंत्रियों को हटाएं और नए लोगों को मौका दें।
11 प्रतिशत बहनों का 2019 के वोटिंग परसेंट से कम हुआ
कुणाल चौधरी ने प्रेसवार्ता में बीजेपी BJP की सरकार पर जमकर हमला बोला। कुणाल चौधरी ने मध्यप्रदेश में बेरोजगारी को लेकर कई तरह के सवाल सरकार से किए, जिसमें उन्होंने कहा कि कल के मतदान के बाद जनता ने जिस तरीके से भारतीय जनता पार्टी को नकारा है, हमारी लाड़ली बहनों ने भारतीय जनता पार्टी के क्रियाकलाप से उनकी सत्ता से झूठ से उनकी नफरत की बातों से उससे हमारी बहनें नाराज हैं। कल का वोटिंग परसेंट में लगभग 11 प्रतिशत बहनों का 2019 के वोटिंग परसेंट से कम हुआ। डर का वातावरण बीजेपी के वरिष्ठ नेता बना रहे हैं।
डराकर लोकतंत्र को किया जा रहा खत्म
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शब्दों का चयन करके गए, जिन वादे जिन गारंटियों पर 14, 18, 19 फिर 2023 में जिन मुद्दों को लेकर यह आए थे। उसके ऊपर एक भी बार जो भ्रम पूरे पांच साल फैलाया जाता है तो सिर्फ नफरत और घृणा और कैसे अब शब्दों का चयन किया जाए। कैसे डर के माध्यम से लोकतंत्र को खत्म किया जाए, भारतीय जनता पार्टी के सारे नेता कोशिश करते हैं।