महाकाल लोक परिसर में श्रीअन्न महाअभियान का शुभांरभ

उज्जैन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकालेश्वर मंदिर परिसर में कई ऐतिहासिक घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि बैंड की अपनी अलग महत्ता होती है। भारत की प्राचीन परंपराओं में शंख, नगाड़े और घड़ियाल जैसे वाद्ययंत्रों का विशेष स्थान रहा है, जिनके बिना युद्ध अधूरा माना जाता था।

उसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज महाकाल के दरबार में बैंड की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री ने इस विशेष अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई दी और कहा कि यह बैंड धार्मिक अवसरों पर महाकाल की महिमा का स्वर फैलाएगा।

महाकाल के प्रसाद में अब शामिल हुआ श्री अन्न का लड्डू

मुख्यमंत्री ने बताया कि महाकाल मंदिर में अब तक बेसन के लड्डू प्रसाद के रूप में दिए जाते थे, जिससे उपवास करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होती थी। इस समस्या को देखते हुए अब श्री अन्न (मिलेट्स) से बने लड्डुओं को प्रसाद में शामिल किया गया है। यह निर्णय न केवल भक्तों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर लिया गया है, बल्कि यह आदिवासी अंचलों की कृषि परंपराओं से भी हमें जोड़ता है। उन्होंने कहा कि श्री अन्न लड्डू की शुरुआत मां लक्ष्मी पूजन के दिन होना अपने आप में एक शुभ संकेत है।

आदिवासी संस्कृति और महाकाल की सवारी का संगम

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि महाकाल मंदिर अब केवल एक धार्मिक केंद्र नहीं रहा, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन गया है। हमारे आदिवासी भाई-बहन अपने पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ बाबा महाकाल की सवारी में भाग ले रहे हैं, जिससे विविध भारतीय संस्कृति का सुंदर संगम देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अब महाकाल कॉरिडोर में भी लाइट एंड साउंड शो शुरू किया जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे बेंगलुरु में होता है। इससे श्रद्धालुओं को उज्जैन के गौरवशाली इतिहास और महाकाल की महिमा का दिव्य अनुभव मिलेगा।

रुद्रसागर किनारे तीन नई सौगातें

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उज्जैनवासियों और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि महाकाल लोक में रुद्रसागर के किनारे तीन नई सौगातें एक साथ मिली हैं — महाकालेश्वर बैंड का शुभारंभ, श्री अन्न लड्डू प्रसाद की शुरुआत और लाइट एंड साउंड शो का उद्घाटन। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल की इस भूमि पर की गई हर पहल हमारी सनातन सांस्कृतिक विरासत को और मजबूत करती है। दीपों की जगमगाहट और आतिशबाजी ने इस आयोजन को और भव्य बना दिया, जिससे स्पष्ट होता है कि बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है।

अवंतिका की अमर गाथा को मिला नया जीवन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महाकाल लोक का लोकार्पण केवल एक परियोजना का उद्घाटन नहीं, बल्कि प्राचीन अवंतिका नगरी की अमर गाथा को पुनर्जीवित करने का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि अवंतिका को पृथ्वी के अंत तक अस्तित्व में रहने का आशीर्वाद प्राप्त है। यह वही भूमि है जहां राजा विक्रमादित्य जैसे महान सम्राटों ने शासन किया और जहां से भारत की कीर्ति विश्वभर में फैली।

लाइट एंड साउंड शो से मिलेगी सांस्कृतिक जानकारी

महाकाल के प्रांगण में शुरू हुए लाइट एंड साउंड शो के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि इसमें शिवपुराण की कथाओं के साथ-साथ अन्य कई ऐतिहासिक प्रसंगों का दृश्य-श्रव्य वर्णन किया गया है। यह शो न केवल श्रद्धालुओं को उनके अतीत से जोड़ता है बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति की गहराई से भी परिचित कराता है। इससे भक्तों की भक्ति भावना और भी प्रगाढ़ होगी।

श्री अन्न से बढ़ेगी पोषण और समृद्धि

मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री अन्न से बने लड्डू रागी, कोदो-कुटकी और अन्य पौष्टिक अनाजों से तैयार किए जाएंगे। इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। इससे न केवल भक्तों को पौष्टिक प्रसाद मिलेगा, बल्कि इससे जनजातीय किसानों की आय भी बढ़ेगी और श्री अन्न के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहल “स्वास्थ्य, संस्कृति और आत्मनिर्भरता” तीनों का संगम है।

महाकालेश्वर का अपना बैंड — श्रद्धा और संगीत का संगम

जिस बैंड का उद्घाटन किया गया है, वह विशेष रूप से महाकालेश्वर मंदिर के लिए तैयार किया गया है। यह बैंड महाकाल की सवारी, उत्सवों और विशेष अवसरों पर अपनी स्वर लहरियों से भक्ति का वातावरण बनाएगा। इस बैंड के सदस्यों को महाकाल की कथाओं और भजनों के प्रसार के लिए प्रशिक्षित किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि बैंड की धुनें श्रद्धालुओं को नए उत्साह और ऊर्जा से भर देंगी और उज्जैन की धार्मिक पहचान में एक नया अध्याय जोड़ेंगी।