महाराष्ट्र में फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट का दबाव, महिला डॉक्टर से रेप, की आत्महत्या

महाराष्ट्र के सतारा में एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। जिसने एक बार फिर देश को हिला कर रख दिया है। एक पढ़ी-लिखी महिला आर्थिक रूप से सक्षम महिला को यदि शोषित और प्रताड़ित हो कर सुसाइड करना पड़ा तो यह पूरे देश के लोकतंत्र पर एक दाग है। जहां महिला असुरक्षित है उसे न्याय नहीं मिल रहा है।

सांसद पर दबाव का आरोप
नोट में एक पुलिस अधिकारी पर बलात्कार का आरोप लगाया गया है, साथ ही एक सांसद और उनके निजी सहायकों पर भी दबाव डालने का आरोप है। पीड़िता ने शारीरिक और मानसिक शोषण का भी जिक्र किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

कई बार हुआ शोषण
महिला डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में एक पुलिस अधिकारी पर चार बार बलात्कार का आरोप लगाया है, जिसमें उसने बताया है कि पुलिस मामलों में आरोपियों के फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए उस पर दबाव डाला गया और मना करने पर उसे परेशान किया गया। उसने सुसाइड नोट में इस बात का भी जिक्र किया कि यह दबाव न केवल पुलिस अधिकारियों ने डाला, बल्कि एक मामले में तो एक सांसद और उनके दो निजी सहायकों ने भी दबाव डाला।

पांच महीने से हो रही थी परेशान
सतारा के फलटण उप-जिला अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत 26 वर्षीय महिला ने अपनी हथेली पर लिखा था कि सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने ने उसके साथ चार बार बलात्कार किया और पांच महीने से ज्यादा समय तक उसे मानसिक और शारीरिक शोषण का शिकार होना पड़ा। महिला पिछले 23 महीने से अस्पताल में कार्यरत थी और उसकी बॉन्ड अवधि पूरी होने में बस एक महीना बाकी था, जिसके बाद वह स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करना चाहती थी।

फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट का दबाव
यह भी बताया जा रहा है कि सुसाइ़़ड नोट की एक प्रति में लिखा है कि पुलिस अधिकारियों ने उन पर आरोपियों के लिए फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव डाला, जिनमें से कई को मेडिकल जांच के लिए भी नहीं लाया गया। जब उन्होंने इनकार किया, तो  उन्हें परेशान किया।

अस्पताल में घुस आए थे सांसद के पीए
सुसाइड नोट में एक खास घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि जब उन्होंने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था, तो एक सांसद के दो निजी सहायक अस्पताल में घुस आए थे। जिसने सांसद को फोन करके उनसे बात कराई थी और सांसद ने उन्हें परोक्ष रूप से धमकाया था। हालांकि, पुलिस ने सांसद के नाम का अभी तक खुलासा नहीं किया है।

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
चचेरे भाई ने बताया कि उसने बताया कि दो-तीन बार शिकायत की थी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। चचेरे भाई ने आगे बताया कि पत्र में उन्होंने पूछा था कि अगर उनके साथ कुछ हुआ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? उन्होंने परिसर में सुरक्षा की कमी की भी शिकायत की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने डीएसपी को भी फोन किया, जिन्होंने कहा कि वह उन्हें वापस बुला लेंगे, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की।