वैशाख माह, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इस वर्ष 13 अप्रैल से शुरू होगा। यह माह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसमें पवित्र नदी में स्नान, दान, और विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही, वैशाख में तुलसी और पीपल के पेड़ की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी की अपार कृपा भी मिलती है। वैशाख माह का शास्त्रों में अत्यधिक महत्तव वर्णित है
वैशाख माह का आरंभ और तिथियां:
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की शुरुआत 13 अप्रैल से होगी, क्योंकि चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को है और उसी दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होगी। यह तिथि 14 अप्रैल को समाप्त होगी।
दान से मिलेंगे धन लाभ के योग:
वैशाख माह में भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ अन्न, धन, वस्त्र और जल का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज़ की कमी का सामना नहीं करना पड़ता और धन-संपत्ति के योग बनते हैं।
महादेव को प्रसन्न करने के उपाय:
इस माह में सोमवार के दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करना और रुद्राभिषेक करना लाभकारी होता है। खीर और फल का भोग अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।
क्या न करें इस माह में:
- तामसिक भोजन से दूर रहें।
- नकारात्मक सोच और वाद-विवाद से बचें।
- पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े न पहनें।
- घर में स्वच्छता बनाए रखें, क्योंकि देवी-देवताओं का वास साफ-सुथरी जगहों पर होता है।
पूजा मंत्र:
“शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥”
इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।