इंदौर: रिवेम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) का प्रभावी क्रियान्वय कर मार्च से मई माह के दौरान पश्चिम मप्र में 10 नए ग्रिड तैयार कर बिजली वितरण प्रारंभ कर दिया गया है। इन 33/11 केवी नए ग्रिडों से बिजली वितरण क्षमता में 50 एमवीए का विस्तार हो गया है। अन्य कार्य भी कराए गए है। विशेषकर 555 किमी की विद्युत लाइनों का कार्य कराया गया है। इन सभी कार्यों की कुल लागत करीब 106 करोड़ रुपए हैं।
मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर ने बताया कि ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के आदेशानुसार अधोसंरचना के कार्य प्राथमिकता से कराए जा रहे है, ताकि कृषि, घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं की अधिक से अधिक मदद हो सके। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने बताया कि इंदौर शहर के बिलावली, इंदौर ग्रामीण के राजोदा में नए ग्रिड से बिजली मिलने लगी है। इसी तरह कुम्हार खेड़ा, तिवाड़िया, गेरू बेदी, खेड़ा पहाडी, शिवना, जीवन खेड़ी, जोलाना, मोहम्मदखेड़ा में भी 33/11 केवी के नए ग्रिड तीन माह के दौरान पूर्णतः तैयार हुए एवं बिजली वितरण प्रारंभ हुआ है।
प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने बताया कि विभिन्न जिलों में 100 कैपिसिटर बैंक लगाए गए है। 33 केवी लाइन का विभक्तिकरण एवं मिलान का कार्य 30 किमी क्षेत्र में किया गया है। मिक्स फीडरों का विभक्तिकरण कार्य 4 स्थानों पर किया गया है। 30 स्थानों के ट्रांसफार्मरों का मिक्स उपयोग से पृथक किया गया है। 850 स्थानों पर वोल्टेज समस्या समाधान के लिए अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि 150 किमी में नई 11 केवी लाइन स्थापित की गई है। इसी तरह 11 केवी/33 केवी लाइनों के तार ज्यादा क्षमता वाले लगाए गए है, इनकी लंबाई 200 किमी है। इसी के साथ 175 किमी की निम्न दाब लाइन का रिनोवेशन कार्य किया गया है।