मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में उस समय एक अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई जब भगवान महाकाल का भांग का श्रृंगार अचानक ढहकर बिखर गया। मंदिर में मौजूद श्रद्धालु इस घटना को देख हैरान रह गए। हालांकि, वहां मौजूद पुजारियों ने तुरंत ही श्रृंगार को दोबारा व्यवस्थित कर दिया ताकि भक्तों की आस्था आहत न हो।
पुजारी को भेजा गया नोटिस
इस घटना को प्रशासन ने लापरवाही मानते हुए गंभीरता से लिया है। मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने श्रृंगार करने वाले पुजारी प्रदीप गुरु को नोटिस जारी किया है। उनसे दो दिन के भीतर लिखित जवाब मांगा गया है। नोटिस में यह आरोप लगाया गया है कि पुजारी ने श्रृंगार करते समय निर्धारित मात्रा से अधिक भांग का उपयोग किया, जिसकी वजह से यह अनहोनी हुई।
पुजारी ने दी सफाई
मीडिया से बातचीत में पुजारी प्रदीप गुरु ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने भांग का श्रृंगार पूरी तरह से परंपरा और नियमों के अनुसार ही किया था। उन्होंने बताया कि भांग की मात्रा वही रखी गई थी जो तय की गई है। पुजारी के अनुसार मंदिर के भीतर नमी अधिक होने के कारण भांग मजबूती से नहीं टिक पाया और अचानक नीचे गिर गया। उन्होंने कहा कि इस घटना में उनकी कोई लापरवाही नहीं है।
राजसी सवारी के दौरान हुई घटना
यह पूरा मामला 18 अगस्त का है। उस दिन भगवान महाकाल की राजसी सवारी नगर भ्रमण कर मंदिर लौट रही थी। इसी बीच जब मंदिर परिसर में देवप्रतिमा का स्वागत करने की तैयारियां चल रही थीं, तभी श्रृंगार का बड़ा हिस्सा अचानक गिर पड़ा। घटना के बाद मंदिर में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल भी बन गया।
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने इसकी जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले। वीडियो सामने आने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि श्रृंगार गिरने का कारण केवल भांग का अस्थिर होना था। फुटेज के आधार पर ही प्रशासन ने पुजारी को जिम्मेदार मानते हुए नोटिस जारी किया।
भक्तों की भावनाएं और प्रशासन की सख्ती
महाकाल मंदिर देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ऐसे में श्रृंगार से जुड़ी कोई भी गलती गंभीर मानी जाती है। भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। वहीं, पुजारी ने उम्मीद जताई है कि जब सच्चाई सामने आएगी, तब उन पर लगे आरोप गलत साबित होंगे।