आयकर रिटर्न फाइलिंग 2025, रिफंड नहीं मिला तो सबसे पहले जांचें ये बातें

आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख अब ज्यादा दूर नहीं है। इस बार अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 तय की गई है। देशभर के लाखों टैक्सपेयर्स अपना ITR दाखिल कर चुके हैं और उनमें से कई को रिफंड भी मिल चुका है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें अभी तक रिफंड प्राप्त नहीं हुआ है। अगर आप भी उनमें शामिल हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसकी कई सामान्य वजहें हो सकती हैं। आइए विस्तार से जानते हैं—

गलत या अधूरी बैंक डिटेल्स

रिफंड न मिलने का सबसे बड़ा कारण अक्सर बैंक डिटेल्स में गड़बड़ी होती है। यदि ITR भरते समय आपने बैंक खाता संख्या, IFSC कोड या नाम में गलती कर दी है तो रिफंड ट्रांसफर नहीं हो पाएगा। इस समस्या से बचने के लिए हमेशा अपनी बैंक जानकारी को दोबारा जांच लें।

फॉर्म 26AS और AIS से असमानता

आयकर विभाग के पास आपकी आय और TDS से जुड़ी पूरी जानकारी फॉर्म 26AS और AIS (Annual Information Statement) में दर्ज होती है। यदि आपके द्वारा भरे गए रिटर्न और विभाग के रिकॉर्ड में अंतर पाया जाता है तो रिफंड प्रोसेस में देरी हो सकती है। जैसे– आपने कोई आय का उल्लेख करना भूल गए या अतिरिक्त TDS क्रेडिट का दावा कर दिया।

ITR वेरीफिकेशन न होना

केवल रिटर्न फाइल करना ही काफी नहीं है, उसे ई-वेरिफाई (E-verify) करना भी जरूरी होता है। जब तक आप ITR को वेरीफाई नहीं करते, तब तक उसकी प्रोसेसिंग शुरू नहीं होगी और न ही रिफंड जारी होगा।

विभागीय जांच या स्क्रूटनी

कुछ मामलों में यदि आयकर विभाग को रिटर्न में किसी गड़बड़ी या बड़ी रकम के क्लेम पर शक होता है, तो वह फाइल को जांच के लिए रोक लेता है। ऐसी स्थिति में रिफंड आने में लंबा समय लग सकता है।

पुराने टैक्स बकाया का एडजस्टमेंट

यदि आपके पिछले वर्षों का कोई टैक्स बकाया है, तो नया रिफंड उसी में एडजस्ट किया जा सकता है। ऐसे मामलों में विभाग आपको नोटिस भेजता है और रिफंड रोक दिया जाता है।

रिफंड में देरी होने पर क्या करें?

अगर आपने समय पर रिटर्न फाइल कर दिया है, ई-वेरिफाई भी कर दिया है और फिर भी रिफंड नहीं मिला तो सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपने ITR प्रोसेसिंग स्टेटस को चेक करें।

  • यदि स्टेटस Refund Issued दिखाता है तो बैंक स्टेटमेंट जरूर देखें।
  • अगर बैंक में पैसा नहीं आया है, तो आप रिफंड रिइश्यू (Re-issue) का रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
  • यदि रिफंड में 30 दिन से ज्यादा का समय लग जाता है, तो आयकर अधिनियम के तहत आपको ब्याज भी मिल सकता है, हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें लागू होती हैं।