आयकर रिटर्न: टैक्स ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर प्रोसेस करने की विभाग की मंशा

टैक्स प्रैक्टीशनर्स एसोसिएशन एवं सीए शाखा इंदौर द्वारा “टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में हुए परिवर्तन” विषय पर टीपीए हॉल इंदौर में एक सेमिनार का आयोजन किया जिसे वरिष्ठ सीए प्रकाश वोहरा ने संबोधित किया। टीपीए प्रेसिडेंट सीए जे.पी. सराफ़ ने स्वागतीय उद्बोधन में कहा कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट के हर एक प्रोविज़न का इनकम टैक्स रिटर्न प्रोसेसिंग में महत्वपूर्ण स्थान होता है अतः टैक्स ऑडिट बड़ी सावधानी से करने की आवश्यकता है।

टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने बताया कि स्क्रूटिनी असेसमेंट का युग समाप्त होने के बाद अब विभाग टैक्स ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से ही सारी महत्वपूर्ण सूचनाएँ एकत्र कर रहा है तथा साल दर साल इन सूचनाओं का दायरा विस्तृत होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में यह देखने में आ रहा है कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में इंटरप्रिटेशन के कारण हुई ग़लतियों से करदाता को डिमांड का सामना करना पड़ता है।

सीए प्रकाश वोहरा ने बताया कि हर बजट में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में परिवर्तन होते हैं तथा इन चेंजेस का इंटरप्रिटेशन एवं विभाग का इन चेंजेस के पीछे क्या उद्देश्य रहा होगा इसे सावधानी से समझने की आवश्यकता होती है। सीए वोहरा ने बताया कि वित्त अधिनियम 2023 ने धारा 115BAE के तहत किस टैक्स रिज़िम का चयन किया है ऑडिटर को यह रिपोर्ट करना आवश्यक है। ऑडिटर को यह भी बताना होगा कि क्या करदाता ने अनुमान के आधार पर लाभ की गणना की है या नहीं। इस वर्ष से डिप्रिसीएशन की गणना सही हुई है इस पर भी कमेंट करना आवश्यक है। यदि करदाता द्वारा किसी अपराध के कारण वर्ष में कोई पेनल्टी या जुर्माना भरा हो तो इसकी रिपोर्टिंग ऑडिट रिपोर्ट में देना होगी।

इस वर्ष से एमएसएमई सप्लायर को एमएसएमई एक्ट में बताई गई समय सीमा में भुगतान नहीं किया गया है तो इसकी रिपोर्टिंग भी टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में देना अनिवार्य है। सेमिनार का संचालन टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने किया। धन्यवाद अभिभाषण सीए दीपक माहेश्वरी ने दिया। इस अवसर पर सीए शैलेंद्र सिंह सोलंकी, सीए संकेत मेहता, सीए सुनील पी जैन, सीए कृष्ण गर्ग, सीए प्रमोद तापडिया, सीए ईशा गर्ग, सीए प्रमोद गर्ग, सीए अभिषेक गांग, सीए अविनाश अग्रवाल, सीए संतोष शर्मा सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे।