Income Tax Department ने पकड़ी 51.26 करोड़ की टैक्स चोरी

स्वतंत्र समय, भोपाल

आयकर विभाग ( Income Tax Department ) ने भोपाल और ग्वालियर शहर में तीन अलग-अलग स्थानों पर सर्चिंग कार्रवाई कर 51.26 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी पकड़ी है। भोपाल में यह सर्वे मेसर्स शेपर्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और श्री मां ग्रुप के यहां की गई। जबकि ग्वालियर में शहर के सबसे बड़े निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में शामिल परिवार ग्रुप के अस्पताल, फार्मेसी और डायग्नोस्टिक सेंटर सहित छह कैम्पस में सर्वे के रूप में की गई है। इन तीनों ही कार्रवाई में आयकर की सर्चिंग के बाद कुछ कारोबारियों ने राशि भी सरेंडर की है।

Income Tax Department के अफसरों ने किया सर्वे

राजधानी के गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में आयकर विभाग ( Income Tax Department ) के अफसरों ने धारा 133-ए के तहत आयकर सर्वे किया है। श्री मां ग्रुप पर सर्वे की कार्यवाही में सामने आया कि ग्रुप द्वारा प्रदेश में मोबाइल, कार्बन क्रेडिट, अलमारी निर्माण, प्लास्टिक दाने का कारोबार, व्हाइट गुड्स के व्यापार और मोबाइल फोन रिचार्ज वाउचर की बिक्री की जाती है। इस ग्रुप द्वारा एक थोक डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में निर्माता से सीधे सामान खरीदकर लोकल डीलर्स को बेचा जाता है। सर्च के दौरान आयकर विभाग की टीम ने पाया कि बुक ऑफ एकाउंट्स में बताए गए खर्च की डिटेल ग्रुप संचालक नहीं दे पा रहे हैं। इसके आधार पर ग्रुप की कम्पनियों श्री मां मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, पॉली श्री प्राइवेट लिमिटेड, ओयू ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 6.20 करोड़ रुपए की एक्स्ट्रा इनकम सरेंडर की गई है। सरेंडर वैल्यू पर एक्स्ट्रा टैक्स भी जमा करना होगा।

परिवार ग्रुप के अस्पताल ने किया बेहिसाब कैश ट्रांजैक्शन

ग्वालियर के सबसे बड़े निजी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पर आयकर सर्वे में फार्मेसी, डायग्नोस्टिक सेंटर सहित छह कैम्पस में सर्चिंग की गई। इसमें उपलब्ध डेटा और फाइनेंशियल मैनेजमेंट का एनालिसिस, मार्केट की गोपनीय जानकारी और फील्ड में की गई पूछताछ में काफी अंतर पाया गया। सर्वे के दौरान अचल संपत्ति के जीर्णोद्धार में नकद में किए गए लेन देन और खर्च का खुलासा भी हुआ है। जांच टीम को बुक ऑफ अकाउंट्स से बार-बार नकद लेन देन के साक्ष्य भी मिले हैं। कई दस्तावेज, नकद रसीद की पावती मिली है।
जो अस्पतालों-क्लीनिकों के मामले में बड़े पैमाने पर छिपाए गए टर्नओवर को उजागर करती है। ऐसे ही एक मामले में 24 करोड़ रुपए की राशि अघोषित थी। इस आधार पर 30 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित आय और खर्च का खुलासा हुआ है।

शेपर्स कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने की 15 करोड़ की टैक्स चोरी

मेसर्स शेपर्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड 7-ए पंजाबी बाग रायसेन रोड भोपाल के यहां सर्चिंग में धारा 133-ए के अंतर्गत की गई कार्यवाही में पाया गया कि इस कम्पनी द्वारा सरकारी ठेके लिए जाने, रेत और पत्थर खनन सहित अन्य काम किए जाते हैं। इस जांच में शेपर्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और रॉक बेड रेनोवेशन लिमिटेड का 7 करोड़ 26 लाख 81 हजार 332 रुपए अलग-अलग लेनदारों का लंबे समय से बकाया पाया है। जब आयकर अफसरों की टीम ने इस मामले में पूछताछ की तो फर्म संचालकों ने स्वीकार किया कि इस रकम के अलग-अलग लेनदारों का वास्तव में दायित्व खत्म हो चुका है और इसलिए इसे बट्टे खाते में डाल दिया गया और विविध लेनदारों के टाइटल से आय के रूप में एंट्री कर ली गई है। शेपर्स कंस्ट्रक्शन के संचालक आयकर अफसरों के सवालों के जवाब नहीं दे सके। इसके आधार पर नान वेरिफाई एक्सपेंडिचर के चलते ग्रुप के संचालकों ने 7 करोड़ 79 लाख 19 हजार 734 रुपए की अतिरिक्त आय स्वीकार की है। इसके बाद आयकर विभाग ने कुल 15 करोड़ 6 लाख 1 हजार 66 रुपए की अतिरिक्त आय निकाली, जिस पर कारोबारी ने सरेंडर की गई आमदनी पर एक्स्ट्रा टैक्स भुगतान की बात स्वीकार की है।