New Delhi: भारतीय क्रिकेट के लिए गुवाहाटी टेस्ट एक बुरे सपने की तरह रहा। दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे टेस्ट मैच में भारत को 408 रनों के विशाल अंतर से हराकर 2-0 से सीरीज में क्लीन स्वीप कर दिया। यह भारतीय टीम की अपने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में रनों के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी और शर्मनाक हार है। 549 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम दूसरी पारी में महज 140 रनों पर ढेर हो गई।
इस जीत के साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने भारत में एक ऐतिहासिक सीरीज जीत दर्ज की है। घरेलू मैदान पर भारतीय टीम का इस तरह घुटने टेकना फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों के लिए भी चौंकाने वाला रहा।
दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजी ध्वस्त
जीत के लिए 549 रनों के पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की बल्लेबाजी दूसरी पारी में ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। दक्षिण अफ्रीका के स्पिनर साइमन हार्मर ने अपनी फिरकी का जादू दिखाते हुए 6 विकेट झटके और भारतीय मध्यक्रम की कमर तोड़ दी। भारत की ओर से केवल रविंद्र जडेजा ही कुछ संघर्ष कर सके और उन्होंने 54 रनों की पारी खेली। हार्मर के अलावा केशव महाराज को दो और सेनुरन मुथुसामी को एक सफलता मिली।
पहली पारी ने तय की हार की पटकथा
इस मैच में हार की नींव पहली पारी में ही रख दी गई थी। दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सेनुरन मुथुसामी के शानदार शतक (109) की बदौलत 489 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया।
उनके अलावा ट्रिस्टन स्टब्स ने 49 और काइल वेरेन ने 45 रनों का योगदान दिया। जवाब में भारतीय टीम अपनी पहली पारी में यशस्वी जायसवाल (58) के अर्धशतक के बावजूद केवल 201 रन ही बना सकी। दक्षिण अफ्रीका के लिए मार्को यान्सन ने घातक गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट लिए। इसी के साथ मेहमान टीम को 288 रनों की भारी-भरकम बढ़त मिल गई, जो अंत में निर्णायक साबित हुई।
टेस्ट में भारत की सबसे बड़ी हार (रनों के लिहाज से)
यह हार भारतीय टेस्ट इतिहास के पन्नों में एक अनचाहे रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज हो गई है। इससे पहले भारत की सबसे बड़ी हार 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर में 342 रनों से हुई थी।
408 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका (गुवाहाटी, 2025)
342 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (नागपुर, 2004)
341 रन बनाम पाकिस्तान (कराची, 2006)
337 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (मेलबर्न, 2007)
333 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (पुणे, 2017)