Independence Day 2025: लाल किले से पीएम मोदी का 12वां ध्वजारोहण, ऐतिहासिक संबोधन में गूंजा एकता का संदेश

Independence Day 2025: 15 अगस्त 2025 को भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आज का दिन देशवासियों के लिए गर्व और सम्मान से भरपूर है। हर कोने में तिरंगे की शान लहरा रही है और राष्ट्रभक्ति के गीत वातावरण में गूंज रहे हैं। राजधानी दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर समारोह की शुरुआत की और इसके बाद देश को संबोधित किया। यह दिन केवल आजादी के जश्न का नहीं, बल्कि उन वीर सपूतों को नमन करने का भी है जिन्होंने ब्रिटिश शासन के 200 वर्षों के लंबे संघर्ष को समाप्त करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। यह अवसर हर भारतीय को मातृभूमि के प्रति प्रेम, कर्तव्य और गर्व का स्मरण कराता है।

प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक रिकॉर्ड

इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अद्वितीय उपलब्धि दर्ज की है। उन्होंने लगातार 12वीं बार लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराया, जो अब तक किसी भी गैर-कांग्रेस प्रधानमंत्री द्वारा हासिल नहीं किया गया रिकॉर्ड है। इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक अलग और खास पहचान दिला दी है। लगातार 12 वर्षों तक इस परंपरा को निभाना न केवल उनके कार्यकाल की लंबी यात्रा का प्रतीक है, बल्कि उनके नेतृत्व की स्थिरता और जनसमर्थन को भी दर्शाता है।

स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की रूपरेखा

सुबह 6:50 बजे कार्यक्रम की शुरुआत लाल किले पर सलामी गारद के स्वागत के साथ हुई। 6:56 से 7:00 बजे के बीच वायु सेना, नौसेना, थल सेना और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के प्रमुख समारोह में पहुंचे। 7:18 बजे प्रधानमंत्री मोदी लाल किले पर पहुंचे, सलामी गारद ग्रहण की और प्राचीर की ओर अग्रसर हुए। 7:30 बजे प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया, इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और 21 तोपों की सलामी दी गई। इस दौरान भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने आसमान से पुष्प वर्षा कर माहौल को और भी भव्य बना दिया। 7:33 बजे प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपना संबोधन शुरू किया। यह उनका लगातार 12वां स्वतंत्रता दिवस भाषण है। गौरतलब है कि उनका औसत भाषण 82 मिनट का होता है, 2024 में उनका सबसे लंबा भाषण 98 मिनट का था, जबकि 2017 में यह सबसे छोटा 56 मिनट का था।

देश की एकता पर प्रधानमंत्री का संदेश

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को एकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत के हर हिस्से में, चाहे वह तपता रेगिस्तान हो, हिमालय की ऊंची चोटियां, समंदर का किनारा या घनी आबादी वाले शहर—हर जगह एक ही आवाज गूंज रही है—“मातृभूमि अमर रहे”। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज का भारत, अपनी विविधताओं के बावजूद, एक अटूट एकता के सूत्र में बंधा हुआ है। यह भावना देश की सबसे बड़ी ताकत है और यही शक्ति भारत को नए युग में आगे बढ़ा रही है।