भारत को अमेरिकी सरकार से राहत मिली है, क्योंकि रेसिप्रोकल टैरिफ (जवाबी शुल्क) को 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है। इसका फायदा भारतीय उद्योगों को हुआ है, खासकर शेयर बाजार में तेजी आई है और भारतीय रुपया भी मजबूत हुआ है। अब सवाल यह है कि 9 जुलाई के बाद क्या होगा? क्या भारत ने इन 90 दिनों में कोई ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है? रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार के साथ एक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट पर काम तेज़ कर दिया है। इस समझौते को 90 दिनों के भीतर अंतिम रूप दिया जा सकता है।
समझौते का लक्ष्य: भारत-अमेरिका व्यापार को बढ़ाना
एक अधिकारी के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौते को 90 दिनों में अंतिम रूप दिया जा सकता है। इस समझौते से दोनों देशों को लाभ होना चाहिए, तभी इसे मंजूरी दी जाएगी। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क को 90 दिनों के लिए टालने का फैसला किया है। अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के बीच इस समझौते की बातचीत पहले ही शुरू हो चुकी है और नियम एवं शर्तों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि इस समझौते के आधिकारिक प्रारूप और आकार को अंतिम रूप देने की संभावना बनी हुई है।
ट्रेड एग्रीमेंट का उद्देश्य: व्यापार को बढ़ाना
भारत और अमेरिका दोनों का लक्ष्य है कि वे अपने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाएं। वर्तमान में दोनों देशों का व्यापार 191 अरब डॉलर का है। इस साल के अंत तक दोनों देशों ने पहले चरण के व्यापार समझौते को पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, भारत अब अन्य देशों की तुलना में इस व्यापार समझौते पर बातचीत में काफी आगे है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा। साथ ही, कुछ यात्राएं भी हो सकती हैं।
‘इंडिया फर्स्ट’ पर जोर
भारत के कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर, पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार देश और जनता के हितों की रक्षा करते हुए अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत कर रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के व्यापार वार्ताएं समयबद्ध तरीके से चल रही हैं, लेकिन जल्दबाजी नहीं की जाएगी। गोयल ने कहा, “हमने पहले भी कहा है कि हम बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं करते।” उनका मानना है कि जब बात देश के हित और जनहित की हो, तो कोई भी जल्दबाजी ठीक नहीं होती।
क्या होगा 9 जुलाई के बाद?
अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारत से आयातित वस्तुओं पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया था, लेकिन 9 अप्रैल को इसे 90 दिनों के लिए निलंबित करने का ऐलान किया गया। हालांकि, 10 प्रतिशत मूल शुल्क पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। अब यह देखना होगा कि भारत इस 90 दिनों की मोहलत का सही इस्तेमाल करता है और व्यापार समझौता सफलतापूर्वक अंतिम रूप में आता है या नहीं।