स्वतंत्र समय, भोपाल
जैन संत आचार्य प्रमाण सागर ( Praman Sagar ) महाराज बुधवार को भोपाल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के निवास पहुंचे। मंत्री पटेल ने परिवार सहित उनका पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद लिया। मंत्री के ही सरकारी निवास पर जैन संत प्रमाण सागर ने लोगों की शंकाओं का समाधान किया।
Praman Sagar ने कहा, हिंदू वह जो हिंसा से दूर रहे
हिन्दू राष्ट्र की मांग को लेकर प्रमाण सागर ( Praman Sagar ) ने कहा- मैं तो कहता हूं कि हिन्दू राष्ट्र होना ही चाहिए। हिन्दू का मतलब कोई जाति या वर्ग विशेष नहीं है। हिन्दू यानि वह जो हिंसा से दूर रहे। हम तो चाहते हैं भारत राष्ट्र ऐसा हो जो हिंसा से पूरी तरह मुक्त हो और हिन्दू राष्ट्र हो। भारत से मांस निर्यात को लेकर प्रमाण सागर महाराज ने कहा-ये तो भारत के लिए कलंक है कि भारत जैसे अहिंसावादी देश से मांस का निर्यात हो रहा। जिस देश में हमने चूल्हे की पहली रोटी गाय के लिए समर्पित की है। उस देश में गाय के अस्तित्व पर प्रश्न है। ये चीजें बिल्कुल ठीक नहीं हैं। मैं इस बात का समर्थन करता हूं कि मांस निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। और गौमाता को यदि राष्ट्रीय पशु के रूप में घोषित किया जाए तो इससे अच्छी बात नहीं हो सकती। बल्कि ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
मंत्री की बेटी ने पूछा- दान, त्याग और साधना से क्या समाधान हो सकता है?
संत प्रमाण सागर ने कहा कि दान, त्याग और साधना ये तीनों हमारे उपासना के अंग हैं। उपासना का मूल उद्देश्य अपनी वासना का शोधन होना चाहिए। स्वाभाविक है वो वासना एक प्रकार की प्रवृत्ति है और मनुष्य जब भी प्रवृत्ति में जीता है। अनाधिक रूप में अहंकार आ जाता है। जब कभी भी आए तो हम अपनी निंदा और आलोचना करें। अपना प्रतिक्रमण करके उसका शोधन करें। व्यक्ति कोई भी अच्छा काम करता है तो प्रशंसा मिलती है। प्रशंसा मिलने के बाद प्रसन्नता भी होती है। इतने तक कोई बाधा नहीं। लेकिन, उसका अभिमान आ रहा है। तो उसका हमें खुद अंर्तविश्लेषण करके देखना चाहिए। तो हमें ये अनुमान लगाना चाहिए कि ये अभिमान मेरे अर्जित पुण्य में बट्टा लगा रहा है।