पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सख्त, पाकिस्तान पर भारी सैन्य और कूटनीतिक बढ़त

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को एक बार फिर चरम पर पहुँचा दिया है। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों की जान जाने के बाद भारत ने दोषियों को सख्त सजा देने का संकल्प लिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को “मन की बात” कार्यक्रम के 121वें एपिसोड में आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का एलान किया। उन्होंने कहा, “आतंक के समर्थकों को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कहीं भी छुपे हों।”

भारत की सैन्य ताकत से पाकिस्तान पस्त

जानकारों का मानना है कि अगर हालात बिगड़ते हैं और दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष होता है, तो भारत की रणनीतिक और सैन्य क्षमता पाकिस्तान पर पूरी तरह से हावी होगी। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) की 2024 रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है कि हर क्षेत्र में भारत को स्पष्ट बढ़त हासिल है।

सेना में भारत को दोगुनी बढ़त

भारत के पास 12 लाख से अधिक सक्रिय सैनिक हैं, जो पाकिस्तान के 5.6 लाख सैनिकों के मुकाबले दोगुने से ज्यादा हैं। इतना ही नहीं, भारत का सैन्य बजट भी पाकिस्तान की तुलना में कई गुना अधिक है, जिससे उसकी तकनीकी और हथियारों की गुणवत्ता भी उच्च स्तर की है।

वायुसेना में अपराजेय भारतीय ताकत

भारतीय वायुसेना के पास 730 से ज्यादा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हैं, जिनमें Su-30MKI, राफेल, तेजस, मिग-29 और मिराज 2000 शामिल हैं। इसके विपरीत पाकिस्तान के पास लगभग 452 विमान हैं, जिनमें से अधिकांश पुराने मॉडल हैं।

भारत की त्रिस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली (Ground-based air defence, Fighter Jets, Ballistic missile defence) पाकिस्तान के सीमित वायु प्रतिरक्षा साधनों पर भारी पड़ती है।

थलसेना में भी भारत का बोलबाला

भारतीय सेना के पास 3,740 से अधिक मुख्य युद्धक टैंक हैं, जिनमें उन्नत T-90 भीष्म और स्वदेशी अर्जुन टैंक शामिल हैं। पाकिस्तान के पास करीब 2,537 टैंक हैं, लेकिन उनकी तकनीक भारत की तुलना में पिछड़ी हुई है। इसके अलावा भारत के पास 3,100 से ज्यादा पैदल सेना के लड़ाकू वाहन (IFV) भी हैं, जो जमीनी युद्ध में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

नौसेना में भारत का प्रभुत्व

समुद्री मोर्चे पर भी भारत ने पाकिस्तान को काफी पीछे छोड़ दिया है। भारत के पास दो अत्याधुनिक विमानवाहक पोत, न्यूक्लियर पनडुब्बियाँ और शक्तिशाली युद्धपोत बेड़ा है। पाकिस्तान की नौसेना संसाधनों और क्षमता के लिहाज से बेहद सीमित है।

कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत का दबदबा

भारत अब केवल सैन्य ताकत के भरोसे नहीं है, बल्कि उसकी मजबूत कूटनीति भी पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग कर रही है। अमेरिका, फ्रांस और इजरायल जैसे बड़े देश भारत के साथ खड़े हैं और उसे हथियारों के साथ-साथ राजनीतिक समर्थन भी प्रदान कर रहे हैं।

वैश्विक समर्थन में भारत आगे

1987 के बाद से अब तक के हर भारत-पाक संकट में पश्चिमी देशों ने युद्ध को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है। अमेरिकी रक्षा विभाग और खुफिया एजेंसियां भारत के साथ मिलकर संभावित सैन्य कार्रवाई की योजना पर काम कर रहे हैं।

पाकिस्तान को नहीं मिलेगा सहानुभूति

दुनिया भर में कमजोर देशों पर हमलों के बाद अब बड़े देश अक्सर हस्तक्षेप नहीं करते। रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल-गाजा संघर्ष इसके ताजा उदाहरण हैं। ऐसे में पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर समर्थन मिलने की संभावना बहुत कम है।

भारत की रणनीति पर टिकी हैं दुनिया की निगाहें

अभी पूरी दुनिया भारत की अगली रणनीतिक चाल पर नजर गड़ाए हुए है। अगर भारत सख्त कदम उठाता है, तो इससे न सिर्फ पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा, बल्कि दक्षिण एशिया की स्थिरता पर भी बड़ा असर पड़ेगा। भारत ने अब स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।