मध्यप्रदेश के एक हिस्से में अब ऐसे सांपों को बसाया जा रहा है, जिन्हें भारत के सबसे जहरीले सांपों में गिना जाता है। ये सांप केवल ज़हरीले ही नहीं हैं, बल्कि इतने फुर्तीले और आक्रामक हैं कि इंसान का पीछा करने में भी देर नहीं लगाते। खास बात ये है कि ये सांप अब वन विभाग की निगरानी में सुरक्षित रूप से जंगलों में छोड़े जा रहे हैं, ताकि जैव विविधता को संतुलित किया जा सके और सांपों की घटती प्रजातियों को बचाया जा सके।
कौन हैं ये खतरनाक सांप?
भारत के सबसे जहरीले सांपों में इंडियन कोबरा, रसेल वाइपर, करैत और सॉ स्केल्ड वाइपर शामिल हैं। इन्हें “बिग फोर” कहा जाता है क्योंकि ये देश में सबसे ज्यादा सांप के काटने से होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। करैत रात में हमला करता है और इसका जहर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। रसेल वाइपर तेज आवाज और फुर्ती से पहचाना जाता है। कोबरा अपनी फन फैलाकर डराता है, जबकि सॉ स्केल्ड वाइपर छोटा लेकिन बहुत आक्रामक होता है। ये सांप बेहद खतरनाक होते हैं और इनसे सावधानी बरतना जरूरी है।
इंसानों का करते हैं पीछा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन सांपों की एक खास बात यह भी है कि खतरा महसूस होने पर ये सिर्फ खुद को बचाते नहीं, बल्कि कई बार इंसानों का पीछा तक करते हैं। खासकर रसेल वाइपर और कोबरा अत्यधिक आक्रामक प्रवृत्ति के होते हैं।
क्यों बसाए जा रहे हैं ये सांप?
मध्यप्रदेश के वन क्षेत्रों में इन सांपों को बसाने का मुख्य उद्देश्य इकोलॉजिकल बैलेंस को बनाए रखना है। कई इलाकों में सांपों की संख्या तेजी से घट रही थी, जिससे चूहों और अन्य कीटों की आबादी बढ़ने लगी थी। इन सांपों की मौजूदगी से पर्यावरण में संतुलन बना रहता है।
वन विभाग की निगरानी में सुरक्षित प्रक्रिया
इन सांपों को वन विभाग की देखरेख में वैज्ञानिक तरीके से जंगलों में छोड़ा जा रहा है। सांपों को पकड़ने, उनकी स्वास्थ्य जांच करने और सही जगह पर छोड़ने का पूरा सिस्टम तय किया गया है, जिससे इंसानों को कोई खतरा न हो। वन विभाग के अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि घबराएं नहीं, बल्कि अगर कहीं सांप दिखे तो उसे मारने की बजाय तुरंत हेल्पलाइन या वन विभाग को सूचना दें। ये पहल प्रकृति और इंसानों के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम है।