India-Pakistan Ceasefire Live: सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस, एयर मार्शल AK भारती ने कहा- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का मिराज फाइटर जेट किया गया ढेर

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सीजफायर के बाद आज दोनों देशों के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) हॉटलाइन पर संवाद करेंगे। माना जा रहा है कि इस बातचीत के दौरान दोनों पक्ष शांति बनाए रखने और आगे किसी तरह के टकराव से बचने के लिए आपसी समझ विकसित करने की कोशिश कर सकते हैं।

तीनों सेनाओं के डीजीएमओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है, जिसमें वे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी अहम जानकारी साझा कर रहे हैं। इस ब्रीफिंग में अभियान की रणनीति, अब तक की प्रगति और भविष्य की तैयारियों को लेकर विस्तृत विवरण दिया जाएगा।

सेना ने बताया कि भविष्य की जंग पहले जैसी नहीं होगी। एयर मार्शल एके भारती ने कहा, “जैसा मैंने पहले भी कहा था, कितने एयरक्राफ्ट थे या किस प्रकार की लड़ाई हुई—ये सब तकनीकी बातें हैं। हम जितना साझा कर सकते थे, कर चुके हैं। यह संघर्ष जिस स्वरूप में होना था, वैसा हुआ। लेकिन अगली लड़ाई की प्रकृति बिल्कुल अलग होगी। हर युद्ध एक जैसे तरीके से नहीं लड़ा जाता। हमें बस यह सुनिश्चित करना है कि हम हर बार दुश्मन से आगे रहें। आने वाले समय में कई तरह की चुनौतियां सामने आएंगी और हम पूरी तरह तैयार हैं।”

एयर मार्शल एके भारती ने जवाब देते हुए कहा, “मेरे साथी ने बताया कि तुर्की के ड्रोन थे। दिनकर की कविता से शुरुआत की गई थी, और इस पर मैं रामचरित मानस की एक लाइन याद दिलाऊंगा – ‘विनय ना माने जलधि जड़, गए तीन दिन बीत बोले राम सकोप तक भय बिन होय ना प्रीत।’ बाकी समझदार के लिए इशारा काफी है। चाहे तुर्की के ड्रोन हों या किसी और के, हमने यह साबित कर दिया है कि हम किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”

एयर मार्शल एके भारती ने कहा, “मैं यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि सभी मिलिट्री बेस और सिस्टम ऑपरेशनल हैं। अगर जरूरत पड़ी, तो हमारी सेनाएं पूरी तरह से तैयार और तत्पर हैं।”

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना ने समुद्री निगरानी और खतरे की पहचान में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “हमारी फोर्स सर्विलांस और डिटेक्शन मिशन पर लगातार लगी रही। हमने मल्टीपल सेंसर्स और इंटेलिजेंस इनपुट के जरिए उन खतरों को पहचाना, जिन्हें तुरंत खत्म करना जरूरी था।”

उन्होंने बताया कि नौसेना की ओर से ड्रोन, हाई-स्पीड मिसाइल और दुश्मन एयरक्राफ्ट की जानकारी एडवांस रडार के जरिए समय रहते दी गई। “हमारे पायलट 24 घंटे अलर्ट मोड पर थे और किसी भी परिस्थिति में, चाहे दिन हो या रात, एक्शन के लिए पूरी तरह तैयार थे।”

वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा, “हमारे एयरक्राफ्ट कैरियर पर मिग-29 लड़ाकू विमान तैनात थे जो ऑपरेशन के लिए तत्पर थे। हमने बीते वर्षों में किसी भी संदिग्ध दुश्मन जहाज को सैकड़ों किलोमीटर के दायरे में भी आने का मौका नहीं दिया।”

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने अपनी प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि भारत की एयर डिफेंस तैयारियों ने दुश्मन के मंसूबों को नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा, “इंटरनेशनल बॉर्डर से लेकर हमारी एयरफील्ड तक एक के बाद एक लेयर में रडार, विंटेज और मॉडर्न एयर डिफेंस सिस्टम तैनात थे। इस सुरक्षा कवच को भेदना दुश्मन के लिए आसान नहीं था। अगर कोई इस लेयर को पार भी कर जाए, तो हमारी एयरफील्ड तक पहुंचने से पहले उसे हमारे किसी न किसी सिस्टम द्वारा मार गिराया जाएगा।”

ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया—“यह स्थिति मुझे 70 के दशक की एशेज सीरीज़ की याद दिलाती है, जब जेफ थॉमसन और डेनिस लिली ने अंग्रेजी बल्लेबाज़ों को पूरी तरह झकझोर दिया था। उस समय ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने कहा था: ‘Ashes to Ashes, Dust to Dust’।”

उन्होंने विराट कोहली के टेस्ट संन्यास पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “विराट मेरे भी पसंदीदा क्रिकेटर हैं। आज क्रिकेट का जिक्र करना भी जरूरी है।”

लेफ्टिनेंट जनरल ने BSF की तारीफ करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सक्रिय भूमिका निभाई—“उनके डीजी से लेकर पोस्ट पर तैनात हर जवान ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया। वे हमारी मल्टी-टियर सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा थे।”

अंत में उन्होंने कहा, “जब हौसले बुलंद हों, तो मंज़िलें खुद-ब-खुद झुक जाती हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाएं एकजुट होकर लड़ीं, और हमें गर्व है कि 140 करोड़ भारतीय हमारे साथ खड़े थे। इसके लिए हम उन्हें सैल्यूट करते हैं।”

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि मौजूदा हालात में आतंकवाद की प्रकृति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, “आज मैं इस संघर्ष के एक महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डालना चाहता हूं। हमें ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए एयर डिफेंस ऑपरेशन्स की रणनीति को अच्छी तरह समझने की जरूरत है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव कोई अचानक नहीं आया, बल्कि पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों के तरीके और स्वरूप में धीरे-धीरे परिवर्तन हो रहा था, जिसे सेना ने समय रहते पहचाना और उसी के अनुसार प्रतिक्रिया दी।

सेना ने जानकारी दी कि भारतीय कार्रवाई के दौरान दुश्मन के कई टारगेट्स को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि साझा की गई तस्वीरें इस बात का प्रमाण हैं कि भारत ने पाकिस्तानी ड्रोन, लड़ाकू विमान और मिसाइलों को मार गिराया। सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरी कार्रवाई में भारत की ओर नुकसान बेहद कम हुआ है, जिससे यह साबित होता है कि ऑपरेशन रणनीतिक रूप से सटीक और प्रभावी रहा।

एयर मार्शल ए.के. भारती ने जानकारी दी कि पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों के जवाब में भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम का प्रभावी उपयोग किया। उन्होंने बताया कि भारत के पास विभिन्न प्रकार की एयर डिफेंस क्षमताएं हैं—जिनमें लो लेवल फायरिंग सिस्टम, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (Surface-to-Air Missiles), और शॉर्ट व लॉन्ग रेंज डिफेंस सिस्टम शामिल हैं।

पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और UAV से भी हमले किए गए, जिनके जवाब में भारत के सभी डिफेंस सिस्टम एकसाथ सक्रिय हुए। भारती ने बताया कि इस दौरान पुराने माने जा रहे सिस्टम्स ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया और ‘आकाश’ एयर डिफेंस सिस्टम का उपयोग कर हमलों को जवाब दिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की रणनीति सिविलियन और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को न्यूनतम नुकसान पहुँचाने की रही, जबकि पाकिस्तानी सेना लगातार आक्रामक बनी रही।

एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों को सहयोग दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

भारतीय सेना ने साफ कहा है कि पाकिस्तान की सेना ने आतंकवादियों का समर्थन किया। एयर मार्शल ए.के. भारती ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया, “हमारा लक्ष्य केवल आतंकवादी थे और 7 मई को की गई कार्रवाई भी उन्हीं के खिलाफ थी। लेकिन पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ दिया, जिससे हमें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। पाकिस्तान को जो नुकसान हुआ है, उसके लिए वे खुद जिम्मेदार हैं।”