भारत-अमेरिका : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका और भारत के बीच एक बड़ा और शानदार व्यापार समझौता हो सकता है। यह बयान उन्होंने उस बातचीत के कुछ हफ्तों बाद दिया, जो दोनों देशों के अधिकारियों के बीच चुपचाप हुई थी। व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा कि सभी देश अमेरिका के साथ व्यापार करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि चीन के साथ समझौता हो चुका है और अब भारत के साथ भी एक बड़ा सौदा हो सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका सभी देशों से समझौते नहीं करेगा, कुछ को बस टैक्स देना होगा।
भारत-अमेरिका डील: साझेदारी का नया अध्याय
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच चार दिन तक व्यापार पर बातचीत हुई। इस बातचीत में खासतौर पर उद्योग और खेती से जुड़े सामानों को एक-दूसरे के बाजार तक पहुंचाने, टैक्स (टैरिफ) कम करने और व्यापार में आ रही गैर-जरूरी रुकावटों को हटाने पर ध्यान दिया गया। अमेरिका की तरफ से इस बातचीत में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारी शामिल थे। भारत की तरफ से वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की टीम ने हिस्सा लिया, जिसका नेतृत्व सचिव राजेश अग्रवाल ने किया। यह बातचीत एक बड़े व्यापार समझौते की तैयारी मानी जा रही है।
शी की डील: अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को विराम
ट्रंप ने बिग ब्यूटीफुल बिल’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी बताया कि उन्होंने बुधवार को चीन के साथ एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, उन्होंने समझौते के विवरण के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह सौदा चीन से अमेरिका तक दुर्लभ पृथ्वी शिपमेंट rare earth shipments में तेजी लाने पर केंद्रित है। दोनों पक्षों ने कथित तौर पर जिनेवा समझौते को लागू करने के लिए एक रूपरेखा के लिए एक अतिरिक्त समझ पर भी सहमति व्यक्त की। यह समझौता अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बाद हुआ है, जिसके कारण द्विपक्षीय व्यापार में लगभग रुकावट आ गई थी।