डोनाल्ड ट्रंप के सख्त टैरिफ फैसलों ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया था। यहां तक कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकोनॉमी’ तक कह दिया था। लेकिन सरकारी आंकड़े इस दावे को पूरी तरह गलत साबित करते हैं। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8% दर्ज की गई, जो बीते 5 तिमाहियों में सबसे ऊंचा स्तर है। यह प्रदर्शन सभी अनुमानों से बेहतर साबित हुआ।
भारत बना सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। अप्रैल-जून 2025-26 में भारत की वृद्धि दर 7.8% रही, जबकि चीन की जीडीपी इसी अवधि में सिर्फ 5.2% रही। इससे साफ है कि भारत वैश्विक स्तर पर निवेश और विकास दोनों ही क्षेत्रों में मजबूत स्थिति में है।
जीडीपी के आंकड़े: रियल और नॉमिनल दोनों में बढ़ोतरी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में रियल जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही (44.42 लाख करोड़ रुपये) से 7.8% अधिक है। वहीं, नॉमिनल जीडीपी 86.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो बीते साल 79.08 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें 8.8% की वृद्धि देखी गई।
कृषि और प्राथमिक क्षेत्र की स्थिति
कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी। इस क्षेत्र में 3.7% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह केवल 1.5% थी। खनन क्षेत्र ने निराश किया और इसमें 3.1% की गिरावट दर्ज हुई, जबकि बीते वर्ष इसमें 6.6% की तेजी थी। कुल मिलाकर प्राथमिक क्षेत्रों की वृद्धि दर 2.8% रही, जो पिछले वित्त वर्ष में 2.2% थी।
मैन्युफैक्चरिंग और सेकंडरी सेक्टर
विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग) ने स्थिर प्रदर्शन किया और इसमें 7.7% की वृद्धि रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 7.6% थी। हालांकि सेकंडरी सेक्टर की कुल वृद्धि दर 7% रही, जो बीते वित्त वर्ष की तुलना में थोड़ी कम (8.6%) है। बिजली और उद्योगों से संबंधित गतिविधियों ने भी स्थिर बढ़त बनाए रखी।
सर्विस सेक्टर का दबदबा
- तृतीयक क्षेत्र यानी सर्विस सेक्टर ने इस बार सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसमें कुल 9.3% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई।
- व्यापार, होटल, परिवहन और संचार सेवाएं: 8.6% की बढ़त (पिछले वर्ष सिर्फ 5.4%)।
- वित्तीय, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सेवाएं: 9.5% की तेज़ी, जबकि बीते साल यह 6.6% थी।
- लोक प्रशासन और रक्षा क्षेत्र: इसमें 9.8% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है (9%)।