भारत बनेगा AI का वैश्विक नेता, PM मोदी के इस रणनीतिक प्लान से अमेरिका-चीन चौंकेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय फ्रांस की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एक महत्वपूर्ण एआई समिट में शिरकत की. इस समिट में पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के भविष्य और इसके वैश्विक मानकों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि एआई के लिए एक मजबूत और मानकीकृत सिस्टम की जरूरत है, ताकि इसके लाभ और खतरों से सुरक्षित रहा जा सके.

नई तकनीक और भविष्य की नौकरियां

एआई के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने साफ किया कि इस नई तकनीक की वजह से नौकरियां खत्म नहीं होंगी. इतिहास गवाह है कि हर नई तकनीक ने लोगों के काम करने के तरीकों को बदला है, और एआई भी नए प्रकार की नौकरियों का सृजन करेगा. उन्होंने कहा कि एआई के लिए युवाओं को स्किल्ड बनाने की जरूरत है, ताकि वे इस बदलते वक्त का हिस्सा बन सकें.

भारत का एआई मिशन: अमेरिका और चीन से आगे

भारत की तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने IndiaAI Mission लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य एआई क्षेत्र में भारत को दुनिया का नेतृत्वकर्ता बनाना है. इस मिशन के तहत सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जिसमें से 2000 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं.

भारत की आईटी इंडस्ट्री और एआई का भविष्य

भारत की आईटी इंडस्ट्री एआई तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बन चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 60% आईटी कंपनियों के पास एआई से जुड़ी परियोजनाएं हैं, जो इसे अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों के बराबर खड़ा करती हैं.

एआई से भारत की आर्थिक वृद्धि

गूगल की रिपोर्ट के अनुसार, एआई के जरिए भारत की अर्थव्यवस्था 2030 तक 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ कमा सकती है. इसके अलावा, अगले दो वर्षों में एआई के विकास से भारत में 1.2 लाख नई नौकरियां भी उत्पन्न होंगी, जो भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.