भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा विश्व में भारत की प्रतिष्ठा की प्रतीक हैः राजस्व मंत्री वर्मा

स्वतंत्र समय, सीहोर

संस्कृत भारती द्वारा आयोजित जिला स्तरीय संस्कृत भाषा के सम्मेलन राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की अधिकांश भाषाओं की जननी कही जाती है। वर्मा ने कहा कि अगर हमें अच्छे परिवार का निर्माण, अच्छे समाज का निर्माण, एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण या राम राज्य का निर्माण करना है तो संस्कृत भाषा को साथ में लेकर चलना होगा। भारत में संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए संस्कृत भारती संगठन के कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्रों को अच्छे संस्कार संस्कृत में लिखे नैतिक वचनों से भी दिए जा सकते हैं। इसलिए संस्कृत शिक्षकों का यह दायित्व है और छात्रों के चरित्र निर्माण में वह अपना उत्कृष्ट योगदान दे। सीहोर के सुप्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने संस्कृतमय वातावरण बना दिया आशीर्वचन में आपने कहा कि संस्कृत तो जन – जन की भाषा है। आज आवश्यकता संस्कृति और संस्कृत से जुडऩे की है। सीहोर विधाय सुदेश राय ने अपने अनुभव सुनाते हुए संस्कृत भाषा के महत्व का उल्लेख किया। कार्यक्रम में संस्कृत भारती प्रांत संगठन मंत्री जागेश्वर पटले, ने संस्कृत की महत्ता व संस्कृत भारती के भारत सहित विश्व स्तर पर कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर धर्मेन्द्र शर्मा, संस्कृत भारती प्रांत प्रचार प्रमुख पवन द्विवेदी उपस्थित रहे।