पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करने दुनिया भर में पहुंचेंगी भारत सांसद टीमें

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख को वैश्विक मंच पर और मजबूती से रखने की बड़ी योजना बनाई है। इस रणनीति के तहत केंद्र सरकार ने 40 सांसदों की सात अलग-अलग सर्वदलीय टीमें गठित की हैं, जिनका मकसद पाकिस्तान जो आतंक फैला रहा है उसके चेहरे को बेनकाब किया जा सके।

सभी दलों के सांसदों को किया शामिल
इस सर्वदलीय बैठक में शामिल 40 सांसद अलग-अलग दलों से शामिल किए गए है, जिनमें सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हैं। हर टीम अगले कुछ हफ्तों में 5 से 8 देशों का दौरा करेगी, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य और भारत के रणनीतिक साझेदार शामिल होंगे।

जीरो टॉलरेंस- भारत का स्पष्ट संदेश
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये प्रतिनिधिमंडल भारत के आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और “जीरो टॉलरेंस” नीति को दुनिया के सामने रखेगी। इसके साथ ही ये टीमें आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई को न सिर्फ साझा करेंगी, बल्कि वैश्विक समुदाय से सख्त कार्रवाई की मांग भी करेंगी।

ये रहेगे सात टीमों के चेहरे
सर्वदलीय समिति में कुल 40 सांसद कों शामिल किया गया है। जिसमें सात अलग-अलग दल होगे जिसमें प्रत्येक दल के प्रमुखों के चेहरे इस प्रकार है इसमें रवि शंकर प्रसाद (भाजपा) से बैजयंत पांडा (भाजपा) शशि थरूर (कांग्रेस) संजय झा (जदयू) कनीमोझी (डीएमके) सुप्रिया सुले (एनसीपी – शरद पवार गुट) श्रीकांत शिंदे (शिवसेना – शिंदे गुट) से इसी तरह हर प्रतिनिधिमंडल में पांच सांसद होंगे, साथ में अनुभवी भारतीय राजनयिक भी रहेंगे।

ये देश बनेंगे गवाह
इन प्रतिनिधिमंडलों का दौरा अमेरिका, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इजराइल जैसे देशों तक हो सकता है। लक्ष्य है पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत बनाना।

राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है यह पहल
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि “जब सबसे अधिक ज़रूरत होती है, भारत तब एकजुट होता है। सातों प्रतिनिधिमंडल दुनिया के सामने हमारे साझा रुख को पेश करेंगे। जो राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यहीं विपक्ष की भी भागीदारी पर शशी थरूर और सुले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। भारत का दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पेश करना गौरव की बात है। यहीं सुप्रिया सुले बोलीं कि “यह राष्ट्रीय एकता का क्षण है। रिजिजू जी का फोन आया कि उन्होंने मुझे प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने को कहा है। देश के मुद्दे पर हम सब एक हैं।”

कांग्रेस ने भेजे थे चार नाम
जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने चार सांसदों के नाम सरकार को भेजे थे जिसमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई सैयद नासिर हुसैन सहित अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम भेजे गए थे। जिन्हें शामिल ना करने पर भी राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

वैश्विक कूटनीति का मजबूत दांव
भारत न केवल सीमा पर बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को घेरने की तैयारी में है। यह दौरा सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि एक सुनियोजित वैश्विक मुहिम का हिस्सा है। जिसमें भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि आतंकवाद को समर्थन देने वालों की अब कोई जगह नहीं बची है।