भारतीय रेलवे ने अपने यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) में बड़े पैमाने पर तकनीकी सुधार की तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत नया सिस्टम प्रति मिनट 1 लाख टिकट जारी करने में सक्षम होगा, जबकि वर्तमान व्यवस्था में यह क्षमता केवल 25,000 टिकट प्रति मिनट की है। इस बदलाव के लिए रेलवे ने आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।
पीआरएस सिस्टम का तकनीकी अपग्रेडेशन
रेलवे, सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) के माध्यम से अपने पीआरएस सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है। इसमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्क उपकरण, सुरक्षा संरचना और अन्य सुविधाओं को नई व आधुनिक तकनीक से बदलने की योजना है। फिलहाल यह सिस्टम 2010 से इटेनियम सर्वर और ओपन वीएमएस पर चल रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि अब इसे पारंपरिक तकनीक से हटाकर क्लाउड-आधारित और आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा।
अग्रिम बुकिंग अवधि में बदलाव
1 नवंबर 2024 से रेलवे ने अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP) को घटाकर 60 दिन कर दिया है, जिसमें यात्रा का दिन शामिल नहीं होगा। पहले यात्री अधिक समय पहले टिकट बुक कर सकते थे, लेकिन नई नीति का उद्देश्य अनावश्यक बुकिंग और कैंसिलेशन को कम करना है।
RailOne ऐप की शुरुआत
रेलवे ने हाल ही में RailOne नामक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप यात्रियों को उनके फोन से ही आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट बुक करने की सुविधा देता है, जिससे बुकिंग प्रक्रिया और अधिक आसान और तेज हो गई है।
नॉन-एसी डिब्बों का विस्तार
भारतीय रेलवे अपनी ट्रेनों में नॉन-एसी कोच का प्रतिशत बढ़ाकर करीब 70% तक पहुंचा चुका है। आने वाले 5 वर्षों में 17,000 अतिरिक्त जनरल और स्लीपर कोच तैयार करने का काम चल रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान ही रेलवे ने लंबी दूरी की ट्रेनों में 1,250 नए जनरल डिब्बों को जोड़ा है, जिससे साधारण श्रेणी के यात्रियों की यात्रा और आरामदायक हो सके।