Indian Railways Fare Hike: लंबी दूरी की ट्रेनों का किराया 10% तक बढ़ सकता है, रेलवे बोर्ड कर रहा विचार

भारतीय रेलवे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को जल्द ही बड़ा झटका दे सकता है। रेलवे बोर्ड लंबी दूरी की ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बढ़ोतरी 5 से 10 प्रतिशत तक हो सकती है। अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो इसका सीधा असर आम यात्रियों की जेब पर पड़ेगा।

रेलवे सूत्रों के अनुसार, यह कदम रेलवे की आय बढ़ाने और परिचालन लागत को संतुलित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में रेलवे ने किराए में कोई बड़ी सीधी बढ़ोतरी नहीं की है, लेकिन डायनामिक प्राइसिंग और अन्य सरचार्ज के जरिए राजस्व जुटाने की कोशिश की है। अब माना जा रहा है कि बेस फेयर में ही बदलाव किया जा सकता है।

किन श्रेणियों पर होगा असर?

संभावित किराया वृद्धि का सबसे ज्यादा असर स्लीपर क्लास और थर्ड एसी (3AC) में सफर करने वाले यात्रियों पर पड़ने की संभावना है। लंबी दूरी की एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में यह नियम लागू हो सकता है। हालांकि, अभी तक रेलवे की ओर से कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है, लेकिन आंतरिक चर्चाएं अंतिम चरण में मानी जा रही हैं।

क्यों बढ़ रहा है किराया?

रेलवे अधिकारियों का तर्क है कि ईंधन की कीमतें, रखरखाव का खर्च और कर्मचारियों के वेतन में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके मुकाबले यात्री किराए से होने वाली आमदनी उस अनुपात में नहीं बढ़ी है। रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो (परिचालन अनुपात) सुधारने के लिए राजस्व में बढ़ोतरी अनिवार्य हो गई है। इसके अलावा, रेलवे आधुनिकीकरण और नई सुविधाओं पर भारी निवेश कर रहा है, जिसके लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता है।

त्योहारी सीजन और भीड़भाड़

अक्सर देखा गया है कि त्योहारों और छुट्टियों के सीजन में ट्रेनों में भारी भीड़ होती है। मांग बढ़ने पर डायनामिक प्राइसिंग के तहत प्रीमियम ट्रेनों का किराया पहले ही बढ़ जाता है। अब सामान्य ट्रेनों में भी बेस फेयर बढ़ने से यात्रा महंगी हो जाएगी। यात्रियों को उम्मीद थी कि बजट के बाद कुछ राहत मिलेगी, लेकिन यह खबर उनके लिए चिंता का विषय बन सकती है।

पिछली बार कब बढ़ा था किराया?

उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कोरोना काल के बाद से कई तरह की रियायतें बंद कर दी हैं, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट भी शामिल है। इससे पहले भी प्लेटफॉर्म टिकट और अन्य सेवाओं के दाम समय-समय पर बढ़ाए गए हैं। अब देखना होगा कि रेलवे बोर्ड इस प्रस्ताव पर कब तक अंतिम मुहर लगाता है और इसे किस तारीख से लागू किया जाएगा।

फिलहाल यात्रियों को आधिकारिक घोषणा का इंतजार करना चाहिए, लेकिन संकेतों से साफ है कि आने वाले दिनों में रेल का सफर महंगा साबित हो सकता है।