भारतीय Road Construction तकनीक का अमेरिका हुआ मुरीद

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

देश में हाल में ही ईजाद की गई सड़क निर्माण ( Road Construction ) तकनीक का अमेरिका भी मुरीद हो गया है। उसने इस तकनीक के और विस्तार करने पर जोर दिया है। इस संबंध में तकनीक ईजाद करने वाली संस्था वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईअर) को पत्र लिखकर प्रशंसा की है। यह जानकारी राजधानी में स्टील स्लैग रोड पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दी गई।

Road Construction में उपयोग होगा स्टील स्लैग

इस्पात मंत्रालय सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने कहा स्टील स्लैग उपयोग के लिए सीआरआरआई द्वारा विकसित दिशानिर्देश सडक़ निर्माण (Road Construction ) में स्टील स्लैग के प्रभावी और सुरक्षित उपयोग के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करते हैं, जिसमें पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकने के लिए स्टील स्लैग के उचित इस्तेमााल की रूपरेखा भी शामिल है। उन्होंने बताया कि देश में निर्माण और रखरखाव कार्यों के लिए हर साल लगभग 1.8 बिलियन टन प्राकृतिक संसाधन की आवश्यकता होती है, जिसे हम साल-दर-साल निकालते रहते है। स्टील स्लैग के इस्तेमाल से प्राकृतिक संसाधन सुरक्षित रहेंगे। डीएसआईआर की सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन कलैसेल्वी ने इस तकनीक से बनी मुंबई से गोवा, एनएच 66 के बीच स्टील स्लैग रोड की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्टील स्लैग रोड टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भी मदद कर रहा है।

प्रोसेस्ड स्टील स्लैग एग्रीगेट के लिए दिशा निर्देश जारी

इस सम्मलेन में सड़क निर्माण ( Road Construction ) में प्रोसेस्ड स्टील स्लैग एग्रीगेट के रूप में उपयोग के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए गए। नीति आयोग के सदस्य (विज्ञान) डॉ. वीके सारस्वत ने कहा कि स्टील स्लैग का उपयोग करके सड़क के निर्माण और रखरखाव के लिए इन दिशा-निदेर्शों को अपनाने से लागत कम आएगी, पर्यावरणीय प्रभाव में कमी और सडक़ जल्दी खराब नहीं होगी। उन्होंने इस तकनीक के इस्तेमाल लिए सीआरआरआई के निदेशक डॉ. मनोरंजन परिदा और स्टील स्लैग रोड प्रौद्योगिकी के प्रधान वैज्ञानिक और तकनीक इजाद करने वाले सतीश पांडे को बधाई दी।