अमेरिका के अस्पतालों में भारतीय महिलाओं की समय से पहले सी-सेक्शन डिलीवरी के लिए लगी भीड़, जानें क्या हैं वजह

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने का आदेश दिया, वहां रहने वाले भारतीयों के लिए एक नई मुश्किल आ गई। अब वे भारतीय महिलाएं जो अमेरिका में बच्चे को जन्म देकर नागरिकता हासिल करने का सपना देख रही थीं, उन्हें बड़ा झटका लगा है। ट्रंप का यह आदेश 19 फरवरी तक लागू होने जा रहा है, और भारतीय महिलाएं 20 फरवरी से पहले ही जल्द से जल्द सिजेरियन (Caesarean) डिलीवरी करवा कर अपने बच्चों को अमेरिकी नागरिकता दिलवाने की कोशिश कर रही हैं।

14वें संशोधन का बड़ा बदलाव

अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान रखता है, जिसका मतलब है कि अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा स्वतः नागरिक बन जाता है, चाहे उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो। लेकिन ट्रंप के आदेश से अवैध प्रवासियों और वीजा पर रह रहे लोगों के बच्चों को यह अधिकार नहीं मिलेगा।

प्रेग्नेंट महिलाएं जल्द डिलीवरी करवाने की योजना बना रही हैं

अमेरिका में अवैध रूप से या वीजा पर रह रही भारतीय महिलाएं अब 19 फरवरी से पहले सिजेरियन डिलीवरी के जरिए अपने बच्चों को जन्म देना चाहती हैं। यह कदम अमेरिकी नागरिकता पाने की उम्मीद से उठाया जा रहा है। न्यू जर्सी की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.डी. रामा के अनुसार, ट्रंप के आदेश के बाद इस प्रकार के मामले बढ़े हैं, और एक महिला तो सातवें महीने में ही डिलीवरी करवाने की योजना बना रही थी।

सर्जरी से होने वाले जोखिमों पर चिंता

डॉ. एस.जी. मुक्काला, टेक्सास की स्त्री रोग विशेषज्ञ, ने समय से पहले डिलीवरी के खतरे पर चिंता जताई। उनका कहना है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अविकसित फेफड़े, तंत्रिका तंत्र की समस्याएं और कम वजन। साथ ही, यह मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

अमेरिका में करीब 54 लाख भारतीय नागरिक रहते हैं, और उनका एक बड़ा हिस्सा पहले जेनरेशन इमिग्रेंट्स है। ट्रंप के आदेश से अब इन्हें अमेरिकी नागरिकता पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा, खासकर उन परिवारों को जो ग्रीन कार्ड के लिए इंतजार कर रहे थे।

नागरिकता पर संकट

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ट्रंप के आदेश से हर साल 1.5 लाख नवजातों की नागरिकता पर संकट आ सकता है। अब उन परिवारों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं जो अपने बच्चों के जन्म से अमेरिका में स्थायी निवास पाने की योजना बना रहे थे। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, 16 लाख भारतीय बच्चों को अमेरिका में जन्म से नागरिकता मिल चुकी है, लेकिन अब यह रास्ता भी बंद हो सकता है।