भारत का अगला टेक ज़ोन, तेलंगाना में बनेगा डेटा सेंटर पॉवरहाउस

टेक कंपनी अमेज़न ने भारत में अपने निवेश को तेजी देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 35 बिलियन डॉलर के निवेश ऐलान के ठीक बाद, उसकी क्लाउड सेवा इकाई AWS (Amazon Web Services) ने तेलंगाना सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत AWS अगले 14 वर्षों में लगभग 7 बिलियन डॉलर यानी करीब ₹63,000 करोड़ हैदराबाद में अपने क्लाउड डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में लगाएगा। इस निवेश से राज्य में हाई-टेक सुविधाओं के विकास की गति और बढ़ने वाली है।

मुंबई के बाद देश का दूसरा बड़ा AWS रीजन

AWS का यह नया विस्तार 2020 में किए गए उस शुरुआती निवेश का हिस्सा है, जब कंपनी ने हैदराबाद में AWS Asia Pacific (Hyderabad) Region स्थापित करने के लिए 2.7 बिलियन डॉलर लगाने की घोषणा की थी। यह AWS का देश में दूसरा बड़ा डेटा सेंटर रीजन है, जिसे 2022 में शुरू किया गया था। लॉन्च के समय ही कंपनी ने अपने निवेश को 2030 तक बढ़ाकर 4.4 बिलियन डॉलर करने का निर्णय लिया था।

अब 7 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त निवेश के साथ, हैदराबाद AWS का एक विशाल टेक्नोलॉजी हब बनता जा रहा है, जहां से क्लाउड सर्विसेज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्टार्टअप्स और सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को और मजबूती मिलेगी।

तेलंगाना सरकार ने दिया सहयोग का भरोसा

समझौते के दौरान तेलंगाना सरकार ने AWS को आश्वासन दिया कि राज्य की ओर से आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाओं और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ के तहत सभी सहायता प्रदान की जाएगी। यह एग्रीमेंट Telangana Rising Global Summit के दौरान हुआ। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने इस निवेश को राज्य की बढ़ती आर्थिक क्षमता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि अमेज़न जैसे वैश्विक टेक दिग्गज तेलंगाना की स्थिर सरकार और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर विश्वास दिखा रहे हैं, जो राज्य के लिए गर्व की बात है।

हैदराबाद बनेगा डेटा सेंटर कैपिटल

आईटी और उद्योग मंत्री डी. श्रीधर बाबू का कहना है कि AWS का यह विस्तार हैदराबाद को देश की ‘डेटा सेंटर राजधानी’ के रूप में स्थापित करेगा। इससे न केवल रोजगार बढ़ेगा, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इनोवेशन और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी।

AWS इंडिया और साउथ एशिया के प्रेसिडेंट संदीप दत्ता ने कहा कि यह समझौता भारत की डिजिटल गति को और मजबूत करेगा तथा तेलंगाना को ग्लोबल टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।