भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन Shubhanshu Shukla ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद अपने तीन अन्य सहयोगी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ धरती की ओर वापसी की यात्रा शुरू कर दी है। यह ऐतिहासिक मिशन, Axiom-4 (Ax-4), भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने। इस मिशन में उनके साथ अमेरिका की पेगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उज़्नांस्की-विश्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु शामिल थे।
Shubhanshu Shukla: मिशन का सफर और उपलब्धियां
Axiom-4 मिशन 25 जून 2025 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट पर ड्रैगन अंतरिक्ष यान के साथ लॉन्च हुआ था। 26 जून को यह यान ISS के हार्मनी मॉड्यूल से सफलतापूर्वक जुड़ा। इस मिशन के दौरान, शुभांशु और उनकी टीम ने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें से सात भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा डिज़ाइन किए गए थे। इन प्रयोगों में माइक्रोग्रैविटी में माइक्रोएल्गी की वृद्धि, मांसपेशियों के नुकसान, और अंतरिक्ष में मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण अध्ययन शामिल थे।
Shubhanshu Shukla ने ISS पर अपने समय के दौरान भारतीय छात्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संवाद भी किया। उन्होंने अंतरिक्ष से भारत को देखने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “भारत अंतरिक्ष से बहुत भव्य और विशाल दिखता है।” उनके इस मिशन ने न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया, बल्कि भारत के युवाओं में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति उत्साह भी जगाया।
धरती पर वापसी की प्रक्रिया
14 जुलाई 2025 को सुबह 7:05 बजे EDT (शाम 4:35 बजे IST), Axiom-4 क्रू ने ISS से ड्रैगन अंतरिक्ष यान के साथ अनडॉकिंग प्रक्रिया शुरू की। यह यान अब 22.5 घंटे की यात्रा के बाद 15 जुलाई 2025 को दोपहर 3:01 बजे IST (सुबह 5:31 बजे EDT) कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन के लिए तैयार है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस समय में लगभग एक घंटे का मार्जिन हो सकता है।