राजस्थान के पलानी में आयोजित जनसभा के मंच से पीएम मोदी का संबोधन शुरू हो गया है. भीषण गर्मी के बावजूद जनसभा में 1 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं. इनमें से करीब 6 हजार लोग भगवा पगड़ी पहने हुए नजर आ रहे हैं.
आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे
पीएम मोदी ने पलाना में कहा, ’22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हमारी बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया था. वो गोलियां पहलाम में चली थीं, लेकिन उन गोलियों से 140 करोड़ देशवासियों का सीना छलनी हुआ था. इसके बाद हर देशवासी ने एकजुट होकर संकल्प लिया था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे. उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे. आज आपके आर्शीवाद से, देश की सेना के शौर्य से, हम सब उस प्रण पर खरे उतरे हैं. हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दी थी. इसके बाद तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया. 22 तारीख के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में 9 सबसे बड़े ठिकाने तबाह कर दिए. जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो नतीजा क्या होता है.
मै देश नहीं मिटने दुंगा
मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मै देश नहीं मिटने दूंगा। ‘जो सोचते थे कि भारत चुप रहेगा, आज वो दुबके पड़े हैं. जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, आज वो मलबे के ढेर में दबे हुए हैं. ये शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं, ये न्याय का नया स्वरूप है. ये ऑपरेशन सिंदूर है. ये सिर्फ आक्रोश नहीं है, ये समग्र भारत का रोद्र रूप है. ये भारत का नया स्वरूप है. पहले घर में घुसकर किया था वार, अब सीधा सीने पर किया प्रहार है. आतंक का फन कुचलने की, यही नीति है, यही रीति है, यही भारत है, नया भारत है.
आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय
1. भारत पर आतंकी हमला हुआ तो करारा जवाब मिलेगा. समय, तरीका और शर्तें हमारी सेनाएं तय करेंगी.
2. एटम बम की गीदड़ भक्कियों से भारत नही डरने वाला है.
3. आतंकवाद के आकाओं और आतंक की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे. उन्हें एक ही मानेंगे. पाकिस्तान का खेल अब नहीं चलेगा.
मोदी की नसों में लहू नहीं गर्म सिंदूर बह रहा है
पलाना में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मोदी यहां सीना तान कर खड़ा है. मोदी का दिमाग ठंडा है, ठंडा रहता है. लेकिन मोदी का खून गर्म होता है. अब तो मोदी की नसों में लहू नहीं.. गर्म सिंदूर बह रहा है. अब भारत ने दो टूक साफ कर दिया है कि हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. ये कीमत पाकिस्तान की सेना चुकाएगी. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चुकाएगी.’