इंडिगो एयरलाइंस पिछले दिनों बड़े ऑपरेशनल संकट से गुज़री, जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उड़ानें रद्द होने, देरी और अव्यवस्था के चलते लोगों का गुस्सा भी सामने आया और दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनी को कड़ी फटकार लगाई। इसी बीच चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए स्वीकार किया कि कंपनी यात्रियों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। उन्होंने कहा कि बयान देने में देरी इसलिए हुई क्योंकि प्राथमिकता ऑपरेशन सुधारना था।
उड़ान सेवाओं में सुधार, 138 डेस्टिनेशन फिर जुड़े
मेहता ने बताया कि अब स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है। इंडिगो प्रतिदिन 1,900 से अधिक उड़ानें संचालित कर रही है और सभी 138 डेस्टिनेशन फिर से जुड़ चुके हैं। ऑन-टाइम परफॉरमेंस भी वापस पटरी पर लौट आया है। उन्होंने माना कि संकट के दौरान मिली आलोचना बिल्कुल सही है और कंपनी से बड़ी चूक हुई है।
“जानबूझकर संकट पैदा करने” जैसे आरोपों का खंडन
उन्होंने साफ किया कि इंडिगो पर लगे कई आरोप, जैसे – जानबूझकर अव्यवस्था पैदा करना, सरकारी नियमों को प्रभावित करने की कोशिश, सुरक्षा से समझौता, या बोर्ड को जानकारी न होना – पूरी तरह गलत हैं। कंपनी ने सभी नए FDTL नियमों का पालन किया है।
तकनीकी खराबी, मौसम और रोस्टर बदलाव बने वजह
चेयरमैन के अनुसार यह संकट एक साथ कई कारणों के टकराने से हुआ—तकनीकी दिक्कतें, खराब मौसम, रोस्टर में अचानक बदलाव, और सिस्टम पर अत्यधिक दबाव। बोर्ड ने पहले ही दिन इमरजेंसी बैठक बुलाकर संकट प्रबंधन टीम गठित की थी। अब कंपनी यात्रियों को सैकड़ों करोड़ रुपये के रिफंड जारी कर रही है, साथ ही होटल और ट्रैवल सहायता भी दी जा रही है। सामान की डिलीवरी पर भी काम चल रहा है।
“19 सालों का भरोसा दांव पर, इसे फिर जीतेंगे”
मेहता ने कहा कि यह घटना इंडिगो के 19 साल के रिकॉर्ड पर एक दाग है और कंपनी बिना शर्त माफी मांगती है। सुरक्षा और भरोसेमंद सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस संकट से सीख लेकर कंपनी और मजबूत होकर उभरेगी। उन्होंने यात्रियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा—“19 वर्षों से इंडिगो पर भरोसा करने के लिए धन्यवाद।”