देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का परिचालन संकट गहराता जा रहा है। सरकारी आश्वासनों के बावजूद यात्रियों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। मंगलवार को संसद में केंद्रीय मंत्री के बयान के ठीक अगले दिन, यानी बुधवार (10 दिसंबर 2025) को भी एयरलाइन ने 300 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं। इससे पहले मंगलवार को भी 400 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल की गई थी।
लगातार दूसरे दिन भारी संख्या में उड़ानों के रद्द होने से हजारों यात्री एयरपोर्ट्स पर फंसे हुए हैं। यह स्थिति तब है जब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में दावा किया था कि हालात सुधर रहे हैं और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।
मंत्रालय का सख्त आदेश: 10% उड़ानें कम करें
संकट को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए (DGCA) ने सख्त कदम उठाए हैं। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, मंत्रालय ने इंडिगो को आदेश दिया है कि वह अपनी कुल उड़ानों की समय-सारणी (शेड्यूल) में 10 प्रतिशत की कटौती करे। सरकार का मानना है कि उड़ानों की संख्या कम करने से एयरलाइन को अपना सिस्टम स्थिर करने में मदद मिलेगी।
इस फैसले का सीधा असर यात्रियों की भविष्य की बुकिंग पर पड़ेगा। इसका मतलब है कि जिन विमानों में यात्रियों ने पहले से बुकिंग कर रखी है, वे भी रद्द हो सकती हैं। अगले कुछ महीनों तक हर रोज सैकड़ों उड़ानें प्रभावित रहने की आशंका है।
यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी
अनिश्चितता के इस माहौल में एयरलाइन और एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे घर से निकलने से पहले अपनी फ्लाइट का स्टेटस जरूर चेक कर लें।
एडवाइजरी में कहा गया है कि ऑपरेशनल कारणों से शेड्यूल में अंतिम समय पर भी बदलाव संभव है। ऐसे में हवाई अड्डे पर पहुंचकर परेशान होने से बेहतर है कि यात्री पहले ही जानकारी हासिल कर लें।
4000 से ज्यादा उड़ानें हो चुकी हैं रद्द
इंडिगो में यह भारी अव्यवस्था नए उड़ान सेवा नियमों के दूसरे चरण के लागू होने के बाद शुरू हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान अब तक 4,000 से अधिक उड़ानें निरस्त की जा चुकी हैं। इसके अलावा सैकड़ों उड़ानें अपने निर्धारित समय से काफी देरी से चल रही हैं।
केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को मंत्रालय में तलब किया गया था। बैठक में सीईओ ने जानकारी दी कि 6 दिसंबर तक प्रभावित हुई उड़ानों के लिए 100 प्रतिशत रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।