मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत इंदौर जिले के कनाड़िया में स्थित माँ देवी अहिल्या बाई होलकर द्वारा निर्मित 300 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कराया गया है। इंदौर विकास प्राधिकरण की इस परियोजना पर लगभग एक करोड़ रुपए की लागत आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 11 मई को इस ऐतिहासिक बावड़ी का लोकार्पण करेंगे।
यह कार्य जल संसाधन तुलसीराम सिलावट की पहल पर हुआ है। मंत्री सिलावट ने बताया कि यह बावड़ी न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी भव्यता और सांस्कृतिक विरासत इसे एक संभावित प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर करती है। इसकी सुंदरता और महत्व को देखते हुए इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और इंदौर की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर होगी।
यह बावड़ी सांस्कृतिक धरोहर है। माँ अहिल्या बाई होलकर की स्मृति से जुड़ी यह संरचना जल संरक्षण का जीता-जागता उदाहरण है। यह जल गंगा संवर्धन अभियान की सफलता का भी एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। वर्षों से उपेक्षित रही यह बावड़ी अब पुनर्जीवित होकर वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और ग्रामीण जल आपूर्ति के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
बावड़ी के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना बनाकर तेज़ी से कार्य प्रारंभ करवाया गया। यह कार्य अब लगभग पूर्ण हो गया है। जल संरक्षण की यह पहल ना केवल इंदौर की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह जल संरक्षण, पर्यटन और सांस्कृतिक जागरूकता का सुंदर संगम भी है।