स्वतंत्र समय, इंदौर
मध्य प्रदेश की सड़कों पर 19 साल से बंद पड़ी सरकारी बसें ( buses ) एक बार फिर फर्राटा भरती नजर आएंगी। प्रदेश सरकार द्वारा सस्ती और टिकाऊ लोक परिवहन सेवा नए साल 2025 से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। सरकार सबसे पहले आदिवासी बाहुल्य संभागों व कुछ जिलों में सड़क परिवहन सेवा को शुरू करने के प्रयास कर रही है।
सरकारी buses चलाने विभाग तेजी से काम कर रहा
परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने दोहराया कि सरकारी बसें ( buses ) चलाने के लिए विभाग तेजी से काम कर रहा है। कई स्तर पर 50 फीसदी काम हो चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ही पिछली केबिनेट की बैठक में सरकारी बसें चलाने का मु्द्दा उठाया था। केबिनेट ने बसें चलाने की हरी झंडी देकर अधिकारियों को बस सेवा शुरु करने के निर्देश दिए थे। संभवत जनवरी के पहले टिकाऊ लोक परिवहन सेवा शुरू हो जाएगी। विभाग द्वारा योजनाएं बनाई जा रही है, मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल्द कार्य शुरू होगा। सरकार पीपीपी मोड पर सेवाएं शुरू करे या 100 फीसदी विभागीय नियंत्रण में सस्ती लोक परिवहन सेवा दे इसके निर्णय की जिम्मेदारी सरकार ने आइएएस मनीष सिंह को दी है। उन्हें सोमवार देर रात किए गए तबादलों में परिवहन विभाग का अपर सचिव बनाया है। साथ ही मप्र राज्य सडक़ परिवहन निगम के प्रबंध संचालक की जिम्मेदारी दी है। अभी तक यह जिम्मेदारी संजय कुमार जैन के पास थी जो सडक़ परिवहन निगम को दोबारा चालू करने के अलग-अलग प्रस्ताव पर काम कर रहे थे।
ज्यादातर इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय
सरकारी परिवहन सेवा में ज्यादातर बसें इलेक्ट्रिक चलाई जाएंगी, इनमें जीपीएस सिस्टम लगा होगा। यात्रियों को पारदर्शी किराया व्यवस्था के साथ ऑनलाइन निगरानी होगी। यात्रियों को अग्रिम किराया भुगतान व कार्ड की व्यवस्था की जाएगी। सीसीटीवी आधारित सुरक्षा होगी, पिछली व्यवस्था की तरह लापरवाही की गुंजाइश बिल्कुल नहीं होगी।