स्वतंत्र समय, इंदौर
देश-विदेश के बड़े एयरपोर्ट ( Airport ) की तरह इंदौर में भी प्रवेश (बोर्डिंग पास) के लिए डिजी यात्रा सेवा का ट्रायल शुरू हो गया है। इस सेवा के शुरू होने से अब लोगों को कतार में लगकर डॉक्यूमेंट वेरिफाइड नहीं कराना पड़ेंगे, समय बचेगा। यात्री का चेहरा स्कैन करते ही प्रवेश मिल जाया करेगा। वर्तमान में इंदौर एयरपोर्ट से रोजाना करीब 500 यात्री इस सेवा का लाभ उठाकर आसानी से टर्मिनल में प्रवेश कर रहे हैं। अपने फीड बेक में यात्री इस सेवा को बेहतर बता रहे हैं।
Airport प्रदेश का पहला एयरपोर्ट जहां पर यह सुविधा
बता दें कि इंदौर प्रदेश का पहला एयरपोर्ट है ( Airport ), जहां पर यह सुविधा मिल रही है। एयरपोर्ट प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यालय से अप्रैल में ही फेस स्कैनर मशीनें प्राप्त हो गई थी। जिन्हें एयरपोर्ट पर इंस्टॉल कर दिया था। चूंकि अथॉरिटी के पास इतने कर्मचारी नहीं हैं। इसलिए यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए मेन पावर सप्लाई का टेंडर जारी किया गया था। जिसके बाद अब इसका ट्रायल शुरू कर दिया गया है। इंदौर एयरपोर्ट से रोजाना करीब 5000 यात्री आवाजाही करते हैं। जिसमें से 500 यात्री इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। इस सेवा के पूरी तरह से शुरू होने के बाद इसी के माध्यम प्रवेश मिलेगा। अभी जो लोग लगातार ट्रैवल करते हैं, वे लोग ही इसका उपयोग कर रहे हैं। अपने फीडबैक में वे इस सेवा को बेहतर बता रहे हैं।
Airport पर डॉक्यूमेंट वेरिफाइड कराने में लगने वाला समय बचेगा
सभी यात्रियों के लिए सुविधा शुरू होने से काउंटर पर आधार कार्ड, पासपोर्ट, टिकट और अंतरराष्ट्रीय यात्रा होने पर वीजा चेक कराने आदि से बच सकेंगे। कई बार भीड़ रहने पर इसमें लंबा समय लग जाता है। बुजुर्गों को खासकर परेशानी से राहत मिलेगी।
यह है डीजी यात्रा सेवा
प्रबंधन ने बताया कि यह फेशियल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (एफआरटी) पर आधारित तकनीक है। डिजी यात्रा का लक्ष्य एयरपोर्ट पर यात्रियों की निर्बाध और संपर्क रहित प्रवेश प्रक्रिया को बनाना है। इसके अतिरिक्त एयरपोर्ट पर विभिन्न जांच पांइट पर यात्री की उसके चेहरे से ही पहचान कर उसे प्रवेश दिया जाता है। इससे समय बच जाता है। गूगल प्ले स्टोर या आईओएस ऐप स्टोर से डिजी यात्रा ऐप डाउनलोड करने के बाद, यात्री नाम, ईमेल पता, मोबाइल नंबर और पहचान दस्तावेज (आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी आदि) जैसे विवरण साझा करके इस आईडी को प्राप्त कर सकेंगे। यह जानकारी दर्ज करने के बाद एक डिजी यात्रा आईडी बन जाएगी। इसे टिकट बुक करते समय साझा करना होगा। बदले में, एयरलाइन कंपनियां इस आईडी और यात्री डेटा को संबधित एयरपोर्ट के साथ साझा कर देगी। एयरपोर्ट के गेट पर आते ही डीजी यात्रा के प्रवेश गेट पर यात्री जैसे ही अपना पीएनआर डालेगा। उसके चेहरे को कैमरा कैप्चर कर लेगा और इसके बाद सीधे प्रवेश मिल जाएगा। यहां पर उसे दस्तावेज दिखाने से मुक्ति मिल जाएगी।