इंदौर में सोमवार शाम एक तेज रफ्तार ट्रक ने करीब एक किलोमीटर तक सड़क पर कहर बरपाया। शहर के एयरपोर्ट रोड पर यह हादसा उस समय हुआ जब ट्रक ने कई लोगों और वाहनों को टक्कर मारी। इस दुर्घटना में दो लोग मौके पर ही मृत हो गए। मृतकों में इंदौर विकास प्राधिकरण की संपदा शाखा के वरिष्ठ सहायक कैलाशचंद्र जोशी और वैशाली नगर निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर लक्ष्मीकांत सोनी शामिल हैं। वहीं, महेश खतवासे ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
ट्रक की गति और आग का कारण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक नंबर MP09 ZP 4069 ने करीब 15 लोगों को चपेट में लिया। हादसे के दौरान ट्रक में आग लग गई। प्रारंभिक सूचना यह आई कि गुस्साए लोगों ने ट्रक में आग लगाई थी। बाद में पता चला कि ट्रक की टक्कर के दौरान उसमें एक बाइक फंस गई थी। ट्रक लगातार बाइक को रगड़ते हुए चल रहा था, जिससे उसमें चिंगारी लगी और आग लग गई।
घायलों का इलाज और गंभीर स्थिति
हादसे में 12 लोग घायल हुए। घायलों में से छह को गीतांजलि अस्पताल, दो को वर्मा यूनियन अस्पताल, दो को बांठिया अस्पताल, एक को अरबिंदो अस्पताल और एक को भंडारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। आग में फंसे शख्स को ट्रक के नीचे से बाहर निकाला गया। हादसे के दौरान बाइक सवार कैलाशचंद्र जोशी ट्रक के नीचे फंस गए थे। उनकी और बाइक की आग लग गई। जोशी को लोगों ने बाहर निकाला लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
ड्राइवर का रास्ता और ट्रक की स्थिति
पुलिस के अनुसार, यह ट्रक जैन ट्रांसपोर्ट का था। ट्रक सांवेर रोड से गत्ते लेकर निकला था और इसे पोलो ग्राउंड पहुंचना था। लेकिन ड्राइवर रास्ता भूलकर सुपर कॉरिडोर से एयरपोर्ट की तरफ आ गया। शाम के समय शहर में ट्रकों की एंट्री प्रतिबंधित रहती है, लेकिन यह ट्रक नो एंट्री क्षेत्र में घुस गया। कालानी नगर में पुलिस ने इसे रोकने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर ने रफ्तार बढ़ा दी और ट्रक भागता रहा।
प्रत्यक्षदर्शियों का दावा: ब्रेक फेल और नशे की हालत
प्रत्यक्षदर्शी सुभाष सोनी ने बताया कि ट्रक के ब्रेक फेल थे और ड्राइवर नशे में था। उन्होंने कहा कि उनके जीजा जी के दोनों पैर कट गए। प्रदीप देवलिया ने बताया कि तेज रफ्तार ट्रक विद्या पैलेस से गुजरते हुए लोगों को उड़ा रहा था। पहले उसने एक महिला को टक्कर मारी और फिर कई लोगों को कुचलते हुए आगे बढ़ा।
जोशी की अंतिम स्थिति और परिवार का दुख
जोशी, जिनके कपड़ों में आग लगी थी, को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। उनके परिवार में केवल वे और उनकी पत्नी हैं। जोशी अगले साल अप्रैल में रिटायर होने वाले थे। देवाशीष शुक्ला और राजा रघुवंशी ने बताया कि उन्होंने ट्रक के नीचे फंसे कैलाशचंद्र जोशी को बाहर निकाला।
मुख्यमंत्री और गृह विभाग की कार्रवाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे पर गहरा दुख जताया और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव शिवशेखर शुक्ला को इंदौर भेजा। उन्होंने रात 11 बजे से पहले शहर में भारी वाहनों के प्रवेश के कारणों की जांच कराने के निर्देश दिए। यह कदम भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।