इंदौर बना देश का पहला शहर जहां नागरिक निभाएंगे ‘ट्रैफिक प्रहरी’ की भूमिका, क्यूआर कोड से जुड़ें इस अनोखे जनसहयोग अभियान से

इंदौर शहर एक बार फिर नवाचार और जनसहयोग की मिसाल पेश कर रहा है। सुगम एवं सुरक्षित यातायात व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने एक नई और अनोखी पहल की है — “ट्रैफिक प्रहरी” अभियान। इस योजना के तहत अब आम नागरिक भी शहर के यातायात प्रबंधन में सीधा योगदान दे सकेंगे। बस एक क्यूआर कोड स्कैन करें और आप बन सकते हैं शहर के “ट्रैफिक प्रहरी” — यानी ट्रैफिक अनुशासन में पुलिस के सहयोगी। इस पहल का मूल संदेश बेहद प्रेरणादायक है — “आपका समय, आपका सहयोग, आपका चौराहा; सुगम यातायात—हम सबकी जिम्मेदारी।” यानी यह अभियान नागरिकों और प्रशासन के बीच साझेदारी की एक नई शुरुआत है।

ट्रैफिक प्रहरी योजना की शुरुआत — जनभागीदारी की दिशा में बड़ा कदम

एडिशनल डीसीपी आनंद कलादगी की अगुवाई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस पहल की औपचारिक शुरुआत की गई। कार्यक्रम में ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। अधिकारियों ने बताया कि यह योजना नागरिकों को सिर्फ यातायात व्यवस्था देखने का नहीं, बल्कि उसे बेहतर बनाने में सक्रिय भागीदारी का अवसर देगी। इस पहल से उम्मीद है कि शहर के प्रमुख चौराहों और व्यस्त इलाकों में ट्रैफिक पहले से अधिक सुव्यवस्थित होगा। साथ ही, लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति सजगता और अनुशासन की भावना भी मजबूत होगी।

क्यूआर कोड स्कैन कर ऐसे बनें ‘ट्रैफिक प्रहरी’

जो भी नागरिक इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं, वे अपने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर एक गूगल फॉर्म खोल सकते हैं। इस फॉर्म में नाम, पिता का नाम, आयु, मोबाइल नंबर और पता जैसी मूलभूत जानकारी भरनी होगी। स्वयंसेवक अपनी सुविधानुसार सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक का समय चुन सकते हैं और अपने नजदीकी चौराहे का चयन भी कर सकते हैं। फॉर्म भरने के बाद संबंधित चौराहे के कोऑर्डिनेटर का संपर्क नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। यह कोऑर्डिनेटर स्वयंसेवक को आवश्यक दिशा-निर्देश देगा और उन्हें ट्रैफिक प्रबंधन से जुड़ी व्यावहारिक जानकारी भी प्रदान करेगा।

पुलिस देगी प्रशिक्षण और उपकरण

ट्रैफिक प्रहरी योजना से जुड़ने वाले स्वयंसेवकों को पुलिस विभाग की ओर से जैकेट, व्हिसल, लाइट बैटन और पहचान पत्र (बैज) दिया जाएगा ताकि वे अपनी सेवा के दौरान आसानी से पहचाने जा सकें। इतना ही नहीं — जो प्रहरी उत्कृष्ट कार्य करेंगे, उन्हें साप्ताहिक और मासिक सम्मान समारोहों में पुरस्कृत भी किया जाएगा। इससे स्वयंसेवकों में और अधिक उत्साह और जिम्मेदारी की भावना पैदा होगी।

ट्रैफिक प्रहरी क्या करेंगे — नागरिक अनुशासन की मिसाल

इस योजना के तहत शामिल स्वयंसेवक कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएंगे —
• त्योहारों या व्यस्त मौकों पर भीड़भाड़ वाले स्थानों में ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेंगे।
• किसी नियम उल्लंघन या दुर्घटना की जानकारी तुरंत ट्रैफिक पुलिस को देंगे।
• आसपास के लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करेंगे और सड़क सुरक्षा का संदेश फैलाएंगे।

इस प्रकार, “ट्रैफिक प्रहरी” न केवल ट्रैफिक नियंत्रण में मदद करेंगे बल्कि नागरिक अनुशासन की संस्कृति को भी बढ़ावा देंगे।

सुरक्षित इंदौर — सुगम इंदौर का संकल्प

इंदौर ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि इस अभियान से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और अधिक सुचारू होगी। नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से पुलिस बल को भी सहयोग मिलेगा और सड़क सुरक्षा का दायरा व्यापक होगा।

ट्रैफिक पुलिस ने शहरवासियों से अपील की है —“आइए, क्यूआर कोड स्कैन कर ‘ट्रैफिक प्रहरी’ के रूप में आगे बढ़ें। आपका थोड़ा-सा समय और सहयोग, पूरे शहर को दे सकता है एक सुरक्षित भविष्य।” इंदौर की यह पहल न केवल एक प्रयोग है, बल्कि यह जन-जागरूकता और जिम्मेदारी की मिसाल भी है, जिससे पूरा देश सीख ले सकता है कि ट्रैफिक प्रबंधन सिर्फ पुलिस की नहीं, बल्कि हम सबकी साझा जिम्मेदारी है।