देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की पहचान बन चुके बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर की सुरक्षा में बड़ी सेंध लगी है। शहर में चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे रात के अंधेरे में एक के बाद एक बस स्टॉप से स्टेनलेस स्टील की महंगी रेलिंग काटकर ले जा रहे हैं। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, अब तक 12 बस स्टॉप से करीब 10 लाख रुपये की रेलिंग चोरी हो चुकी है।
यह घटनाएं निरंजनपुर चौराहे लेकर राजीव गांधी चौराहे के बीच हुई हैं, जिससे रोजाना सफर करने वाले हजारों यात्री परेशान हैं। इस सिलसिलेवार चोरी ने न सिर्फ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि AICTSL (अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड) के रखरखाव और सुरक्षा दावों की पोल भी खोल दी है।
135 करोड़ का प्रोजेक्ट, सुरक्षा नदारद
इंदौर BRTS कॉरिडोर का निर्माण साल 2013 में लगभग 135 करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत किया गया था। 11.45 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के दोनों ओर 21-21 बस स्टॉप बनाए गए थे, जिनमें करीब 25 लाख रुपये खर्च हुए थे। इन आधुनिक बस स्टॉप्स पर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए स्टेनलेस स्टील की रेलिंग लगाई गई थी, जिन्हें अब चोर गिरोह निशाना बना रहे हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये चोरियां एक किलोमीटर के दायरे में केंद्रित हैं, लेकिन जिम्मेदार एजेंसी AICTSL को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब मामला मीडिया में सामने आया, तब जाकर अधिकारी हरकत में आए।
रात में कटर काटते रेलिंग
जानकारी के मुताबिक, चोर गिरोह रात के समय सक्रिय होता है, जब कॉरिडोर पर यातायात और लोगों की आवाजाही कम हो जाती है। वे अपने साथ गैस कटर या दूसरे औजार लेकर आते हैं और बस स्टॉप पर लगी मजबूत स्टील रेलिंग को काटकर ले जाते हैं। प्रेस कॉम्प्लेक्स, श्रीमाया और अन्य बस स्टॉप्स को विशेष रूप से निशाना बनाया गया है।
कॉरिडोर पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती न होना और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कमी इन चोरों के लिए मददगार साबित हो रही है। इस वजह से वे बिना किसी डर के सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और अब तक पकड़ से बाहर हैं।
AICTSL ने FIR दर्ज कराने की बात कही
मामला उजागर होने AICTSL के CEO मनोज पाठक कहा है कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर मामला है। हम जल्द ही पुलिस में FIR दर्ज कराएंगे और चोरी हुई रेलिंग को फिर लगाने लिए कदम उठाएंगे।” हालांकि, सवाल यह उठता है कि लाखों की संपत्ति चोरी होने तक प्रबंधन क्यों सोया रहा?
इस घटना इंदौर की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जो लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर होने کا खिताब जीत रहा है। एक तरफ जहां शहर सफाई में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर उसकी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का इस तरह जर्जर होना और लुट जाना प्रशासन प्रश्नचिह्न है।