विपिन नीमा, इंदौर
ट्रैफिक के लिहाज से देश के किसी भी शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए नहीं चल रही है, जबकि कई धार्मिक स्थलों पर रोप वे के नाम से केबल कारों ( Cable Car ) का संचालन हो रहा है। बड़े और महंगे शहरों की सड़कों पर पहले से कही ज्यादा भीड़भाड़ है। इसलिए अब जमीन की बजाय कुछ ऊंचाई पर यातायात के साधन बनाए जाने की तैयारी हो रही है। ताकि ट्रैफिक जाम भी घटे और यात्री समय से अपनी मंजिल तक पहुंचें। बात हो रही है केबल कार की, जो जमीन से लगभग 100 मीटर ऊपर तारों पर चलती है।
Cable Car के लिए कुल 60 किमी लंबा नेटवर्क बनेगा
इंदौर के अस्त व्यस्त ट्रैफिक तथा जाम से मुक्ति दिलाने के लिए केबल कार चलाने प्लान तैयार किया जा रहा है। शहर में केबल कार ( Cable Car ) के लिए आईडीए ने कंसलटेंट की नियुक्ति करते हुए केबल कार का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। केबल कार के लिए किए गए सर्वे रिपोर्ट से पता चला है की इंदौर में कुल 60 किलोमीटर लंबा नेटवर्क बनेगा। इसके लिए 7 रूट प्रस्तावित हैं। इनमें 41 स्टेशन और 10 टर्मिनल होंगे। केबल कार विशेषज्ञों, कंसलटेंट तथा इंजीनियरों ने इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए काम शुरू कर दिया है। मप्र में इंदौर एक ऐसा शहर है जहां पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम सफलता के साथ काम कर रहा है। शहर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने के लिए शहर के लोगों के लिए सरकारी व निजी कई तरह के लोक परिवहन की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा इसी साल के अंत तक शहरवासियों को मेट्रो रेल की भी सुविधा उपलब्ध होने वाली है। इतनी व्यवस्था होने के बाद भी शहर की सडक़े वाहनों से पटी रहती है। सभी प्रमुख चौराहों पर वाहनों की लम्बी कतार लगी रहती है। इस व्यवस्था से निपटने के लिए इंदौर में अगर सब कुछ ठीक रहा तो शहर वासियों को आसमान पर घूमने का मौका मिलेगा। यानी तारों पर दौडऩे वाली केबल कारों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकेैंगे।
आईडीए ने तैयार किया ब्ल्यू प्रिंट
राज्य सरकार ने इंदौर में केबल कार चलाने की जिम्मेदारी आईडीए को सौंपी है।। आईडीए ने इस प्रोजेक्ट पर काफी कुछ तैयारियां भी कर ली है। प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए वेपकास कंपनी को कंसलटेंट नियुक्त किया है। केबल कार के लिए किए गए सर्वे की प्रांरम्भिक रिपोर्ट के आधार पर पूरे प्रोजेक्ट का ब्ल्यू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इंदौर में केबल कार का कुल एरिया लगभग 60 किलोमीटर का होगा और इसमें 41 स्टेशन रहेंगे। विभिन्न कलर की कुल सात रुट लाइन रहेगी। आीडीए के अधिकारियों ने बताया की प्रोजेक्ट की यह प्रारम्भिक स्टेज है। इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। सब कुछ तय हो जाएगा उसके बाद फाइनल सर्वे होगा। प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए प्रक्रिया शुरु हो गई है। इसमें विशेषज्ञ, कंसलटेंट , विभागीय इंजीनियर सभी मिलकर काम कर रहे है।
क्या होती है केबल कार
जमीन से कुछ मीटर ऊपर एक ही खंबे पर दोनों तरफ के सफर के लिए तारों के जरिए केबल कारें को दौड़ाया जाता है.स्टेशन पर पहुंचकर ये खुद को तार से अलग कर के यात्रियों को उतारती है. और फिर से तारों से जुडक़र आगे के सफर पर बढ़ जाती हैं।
100 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर
आईडीए के अधिकारियों के मुताबिक चरणबव्द तरीके से किए जाने वाले क्रियान्वयन के लिए परियोजना पर 100 करोड़ प्रति किलोमीटर लागत आएंगी। यह रूट 60.12 किमी क्षेत्र को कवर करेंगे। केबल कार का रुट बनाने के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। टीओआर के अनुसार परियोजना लागत जीएसटी को छोडक़र 250 करोड़ रुपए बताई गई है। 2.5 किलोमीटर रोप-वे को प्रथम चरण के रुप में क्रियान्वित किया जा सकता है।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार…
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ग्रीन लाइन 1 और येलो लाइन 7 इंदौर के सीबीडी विस्तार को जोडऩे वाली प्रमुख ईस्ट वेस्ट ट्रंक को जोड़ती हैं। यह भी पाया गया है कि इस खंड पर पीक ऑवर्स में यातायात की मात्रा क्षमता से अधिक होती है।
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ब्ल्यू लाइन 2 और ऑरेज लाइन 3 को सुपर कॉरिडोर और एमजी रोड पर प्रस्तावित मेट्रो नेटवर्क के लिए फीडर सेवा के रूप में कार्य करने का प्रस्ताव है।
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इंदौर का दक्षिणी क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है और भविष्य के विकास के लिए इसमें कई खाली जगहें हैं। इसलिए, बेहतर गतिशीलता और पहुंच के लिए हवाई मार्ग के माध्यम से दक्षिणी क्षेत्र को सीबीडी और उससे आगे जोडऩे के लिए रेड लाइन 5 और ग्रे लाइन 6 की कल्पना की गई थी।
ऐसी होगी 60 किमी लम्बी कनेक्टिविटी…
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रूट 1 – ग्रीन लाइन – कुल लंबाई 6.25 किमी : चंदन नगर चौराहा, लाबरिया भेरू, मालगंज चौराहा, यशवंत रोड गुरुद्वारा, जवाहर मार्ग, सरवटे बस स्टैंड, शिवाजी वाटिका तक जाएगी। कुल स्टेशन होंगे 6
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रूट 2 – ब्लू लाइन – कुल लंबाई 7.25 किलोमीटर : मेट्रो स्टेशन सुपर कॉरिडोर 3 से टिगरिया बादशाह, स्कीम 151, मरीमाता चौराहा, राजबाड़ा , यशवंत रोड गुरुद्वारा तक जाएगी। कुल स्टेशन होंगे 6
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रूट 3 – ऑरेंज लाइन – कुल लंबाई 9 किलोमीटर : निरंजनपुर चौराहा , ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, बापट चौराहा. चंद्रगुप्त चौराहा, कनकेश्वरी माता, लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन, मरीमाता चौराहा, किला मैदान होते हुए रामचंद्र नगर तक जाएगी। कुल स्टेशन होंगे 8
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रूट 4 – परपल लाइन- कुल लंबाई 17.3 किलोमीटर : निरंजनपुर चौराहा , देवास नाका, सत्यसाईं चौराहा, विजय नगर, एलआईजी, पलासिया, शिवाजी वाटिका, इंदिरा गांधी चौराहा, टॉवर चौराहा, आईटी पार्क, तीन इमली रिंग रोड, बाबुल नगर, प्रभु टोल नाका होते हुए नेमावर रोड बायपास तक जाएगी। कुल स्टेशन होंगे 14।
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रूट 5 – रेड लाइन- कुल लंबाई 8.02 किलोमीटर : महिला पॉलिटेक्निक राजेंद्र नगर, चाणक्यपुरी, दशहरा मैदान, महू नाका, कलेक्टोरेट, वीर सावरकर मार्केट, लुनियापुरा, सरवटे बस स्टैंड होते हुए रेलवे स्टेशन तक जाएगी। कुल स्टेशन – 8
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रूट 6 – ग्रे लाइन – कुल लंबाई 6.83 किलोमीटर : रेलवे स्टेशन, मालवा मिल, पाटनीपुरा चौराहा, बापट चौराहा, खालसा चौक कुल स्टेशन होंगे 5
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रुट 7 – यलो लाइन – कुल लंबाई 5.52 किमी : रामचंद्र नगर, बड़ा गणपति, राजबाड़ा चौक, रेलवे स्टेश , पलासिया चौराहा तक जाएगी। कुल लंबाई 5.52 किलोमीटर होगी। कुल स्टेशन 5 होंगे।