शहर में नजर नहीं आएंगी डीजल बसें, हर तरफ दिखेगी Electric Buses

स्वतंत्र समय, इंदौर

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के तहत शहरों में इलेक्ट्रिक बसों ( Electric Buses ) का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। देश के अधिकांश बड़े शहरंों में डीजल वाली बसों को हटाकर इलेक्ट्रिक बसों को उतारा जा रहा है। बीआरटीएस पर संचालित हो रही सभी डीजल बसों को हटा दिया गया है उनके स्थान पर आराम दायक बसों को उतारा गया है।

Electric Buses के लिए आईसीटीएसएल ने किया प्लान तैयार

इलेक्ट्रिक बसों ( Electric Buses ) बसों के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में चार्जिंग प्वाइंट भी बनाए जा रहे है। इसके लिए इंदौर नगर निगम और आईसीटीएसएल ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है। इसी बीच केंद्र सरकार ने इंदौर को पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत 150 इलेक्ट्रिक बसों का तोहफा दिया है। अगले माह से शहर में दौड़ रही खटारा बसों को बदलकर नई बसे चलाई जाएगी। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से शहर में परिवहन व्यवस्था सुगम होगी। यात्रियों को आरामदायक और किफायती सफर की सुविधा मिलेगी। साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। इन बसों से इंदौर में कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे शहर का कार्बन फुटप्रिंट घटेगा और कार्बन क्रेडिट का लाभ भी मिलेगा।

वर्तमान में 27 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं

आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के मुताबिक शहर में वर्तमान में 179 सीएनजी बसें और 70 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। शहर के बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) पर डीजल से चलने वाली बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना कर ली गई है। इस बदलाव को समायोजित करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा रहा है।इंदौर में वर्तमान में 27 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं, जिनमें 211 चार्जिंग पॉइंट हैं, जिनमें 18 सौर ऊर्जा से चलने वाले स्टेशन शामिल हैं। इन सुविधाओं का उपयोग ई-रिक्शा संचालक भी करते हैं। नगर निगम ने ईवी चार्जिंग समाधानों की बढ़ती मांग का समर्थन करने के लिए आगे विस्तार योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है, जो अभी भी स्थानीय आउटलेट के अनुसार है।

इंदौर में मिलेगा सबसे बड़ा ई-बस का बेड़ा

यातायात प्रदूषण कम करने के लिए प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत इंदौर को पूरे देश में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसें मिलने जा रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत इंदौर को 150 ई-बसों की स्वीकृति मिली है। यह शहर के सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

पीपीपी मॉडल लागू होगा

शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी स्वीकृति के अनुसार, इंदौर देश का ऐसा पहला शहर होगा, जिसे प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। 2030 तक भारत में यातायात व्यवस्था को स्मार्ट और हरित बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आई बस सेवा शुरू की गई थी, जिसके तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर बसें चलाई जाती हैं।