जलवायु संरक्षण के उद्देश्य
इस मिशन का उद्देश्य इंदौर के नागरिकों को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करना और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना है। इंदौर के मेयर, श्री पुष्यमित्र भार्गव ने इस अवसर पर कहा, “इंदौर ने स्वच्छता के मामले में अग्रणी भूमिका निभाई है, और अब इंदौर क्लाइमेट मिशन के जरिए जलवायु परिवर्तन के अदृश्य खतरे को संबोधित कर हम इंदौर को एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।”
प्रोफेसर सोलंकी का नेतृत्व और 100-दिवसीय मिशन
इस मिशन को आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक, प्रो. चेतन सिंह सोलंकी, जो ‘सोलर गांधी’ के नाम से प्रसिद्ध हैं, के नेतृत्व में चलाया जाएगा। प्रो. सोलंकी, अपनी 11 साल की एनर्जी स्वराज यात्रा के साथ, पूरे 100 दिनों तक इंदौर में रहेंगे और इस मिशन को लीड करेंगे। प्रो. सोलंकी ने अपने घर का त्याग करते हुए इस यात्रा का संकल्प लिया है, और वे इस मिशन के माध्यम से लोगों को ऊर्जा साक्षरता और सतत जीवनशैली के प्रति प्रेरित करेंगे।
इंदौर क्लाइमेट मिशन के मुख्य उद्देश्य
इस मिशन का लक्ष्य 3 लाख से 5 लाख नागरिकों को ऊर्जा साक्षर बनाना और बिजली की खपत में 7-10% की कमी लाना है। इसके तहत कई प्रमुख गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें ऊर्जा पर समझ बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, 100 क्लाइमेट वार्ता, 100 साइकिल रैलियाँ, और 100 जलवायु चौपाल शामिल हैं। इसके साथ ही “जस्ट स्किप इट” अभियान के माध्यम से छोटे-छोटे दैनिक कार्यों के जरिए ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
जागरूकता फैलाने के लिए ‘सुनो सुनो इंदौर सुनो’ गीत
मिशन की जागरूकता को और बढ़ावा देने के लिए “सुनो सुनो इंदौर सुनो” नामक एक विशेष गीत भी तैयार किया गया है, जो इंदौर के हर हिस्से में बजाया जाएगा। इसके साथ ही इस गीत पर डांस कोरियोग्राफी प्रतियोगिता की भी घोषणा की गई है, ताकि व्यापक जनभागीदारी को प्रेरित किया जा सके।
एक उदाहरण बनेगा इंदौर क्लाइमेट मिशन
प्रो. चेतन सिंह सोलंकी ने कहा, “जलवायु परिवर्तन आधुनिक युग की सबसे बड़ी चुनौती है, और इंदौर क्लाइमेट मिशन इस चुनौती का एक साहसिक उत्तर है।” इंदौर नगर निगम और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन की यह साझेदारी न केवल इंदौर के लिए समर्पित है, बल्कि भारत और दुनिया के अन्य शहरों के लिए भी एक मिसाल पेश करेगी।