Indore News : जिला कलेक्ट्रेट में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर शिवम वर्मा ने आम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से सुना। इस दौरान 285 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से कई मामलों का मौके पर ही निराकरण कर दिया गया।
कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन मामलों में तत्काल निर्णय संभव नहीं है, उन्हें निर्धारित समय-सीमा के भीतर हल किया जाए और इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाए।
जनसुनवाई में मुख्य रूप से भरण-पोषण, आर्थिक सहायता, राजस्व विवाद, पुलिस प्रताड़ना, स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़े आवेदन आए। प्रशासन की प्राथमिकता तत्काल राहत पहुंचाने पर रही। जहां संभव हुआ, वहां आवेदकों को हाथों-हाथ मदद मुहैया कराई गई।
शिक्षा और इलाज के लिए मिली तत्काल मदद
जनसुनवाई के दौरान संवेदनशील मामलों में प्रशासन ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाया। विसवीर सिंह नामक आवेदक को उनकी बेटी के जटिल इलाज के लिए रेड क्रॉस के माध्यम से 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई।
इसी तरह, एक अन्य दिव्यांग युवती को 20 हजार रुपये की मदद दी गई। शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बालिका याशिका को पढ़ाई जारी रखने के लिए सहायता प्रदान की।
रोजगार और पुनर्वास पर जोर
दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कदम उठाए गए। दिव्यांग शकुंतला बाई को रोजगार के लिए रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से सिलाई मशीन उपलब्ध कराई गई।
वहीं, सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित एक बच्चे के लिए डीडीआरसी केंद्र में फिजियोथेरेपी और देखभाल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। साथ ही, उसके परिवार को नियमित उपचार के लिए मार्गदर्शन भी दिया गया।
पारिवारिक विवादों में मध्यस्थता की पहल
सविंद नगर निवासी अंबिका वर्मा ने अपने परिजनों द्वारा प्रताड़ित किए जाने और संपत्ति संरक्षण की मांग को लेकर आवेदन दिया। इस पर कलेक्टर वर्मा ने मामले को मध्यस्थता केंद्र को सौंपते हुए शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए।
“पारिवारिक और छोटे विवादों में हमारी प्राथमिकता मध्यस्थता के जरिए समाधान निकालने की होती है। यदि आवश्यक हो तो वैधानिक कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाती है।” — शिवम वर्मा, कलेक्टर, इंदौर