स्वतंत्र समय, इंदौर
एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन इंदौर में ब्लूमबर्ग ( Bloomberg ) के नाम पर आम जनता के करोड़ों डकार जाने वाला प्रफुल्ल सकलेचा खुले सांड की तरह घूम रहा है। पुलिस और प्रशासन का खुला संरक्षण मिला हुआ है, इसीलिए जनता की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ठगे गए लोग लगातार शिकायतें कर रहे हैं, पर उसके खिलाफ ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे लोगों को न्याय मिले। भूमाफिया को पुलिस-प्रशासन की शह से पीडि़तों में जबर्दस्त आक्रोश है। सूत्रों का कहना है कि शासन-प्रशासन को जगाने और नक्कारखाने में अपनी आवाज की गूंज पहुंचाने के लिए पीडि़त सामूहिक आत्मदाह भी कर सकते हैं।
Bloomberg के पीड़ित प्रशासन के पास पहुंचने लगे हैं
सुपर कॉरिडोर के पास ग्राम सोनगीर, तहसील-हातोद में विकसित की गई कॉलोनी ब्लूमबर्ग ( Bloomberg ) आर्किड पार्क और उसके कर्ता-धर्ता सकलेचा के खिलाफ दैनिक स्वतंत्र समय लगातार आम लोगों की आवाज बना हुआ है और उनके ताजा कारनामों की फेहरिस्त उजागर होने के बाद और भी पीड़ित शिकायतें लेकर प्रशासन के पास पहुंचने लगे हैं। इनमें से एक बसंतीलाल जैन ने 23 जुलाई को कलेक्टर को शिकायत की थी कि उन्होंने 2013 में ब्लूमबर्ग में एक हजार वर्गफीट का प्लॉट लिया था। यह प्लॉट उन्हें डायरी के जरिए दिया गया था। पूरा पैसा देने के बाद भी न तो उनके नाम प्लॉट की रजिस्ट्री हुई और न ही प्लॉट दिया गया। इसी तरह बियाबानी मेन रोड पर रहने वाले शांतिलाल राठौर ने भी कलेक्टर को 23 जुलाई को ही शिकायत की।
डायरी के पन्नों से निकल रहे हैं हजारों के हिसाब-किताब
शिकायत में उन्होंने भी यही बताया कि डायरी के जरिए ब्लूमबर्ग में 2013 में प्लॉट लिया था। पूरा पैसा देने के बाद भी न तो प्लॉट मिला और न ही उनके नाम से रजिस्ट्री की गई। दोनों शिकायतकतार्ओं ने डायरी की फोटो कॉपियां भी सबूत के तौर पर दी और साथ में स्वतंत्र समय में छपी खबरों की कटिंग भी लगाई। सकलेचा ने जिन लोगों को ठगा, उनकी फेहरिस्त काफी लंबी है और पीडि़त एक बार फिर सामने आने लगे हैं। हालांकि प्रशासन न तो उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई कर रहा है और न ही सकलेचा पर नकेल कस पा रहा है। प्रशासन के इसी रुख से पीडि़त नाराज हैं और वे घातक कदम उठा सकते हैं। ऐसा न हो तो ही बेहतर है, लेकिन पीडि़त यदि ऐसा करने के बारे में सोच भी रहे हैं तो इंदौर की प्रशासनिक क्षमता पर बड़ा सवालिया निशान है। क्योंकि इनकी आवाज नक्कारखाने में तूती के समान साबित हो रही है और अपनी आवाज बुलंद करने के लिए वे ऐसा कोई घातक कदम उठाने के बारे में सोच रहे हैं।
कहां दबा है
कहां दबा है FIR आदेश..?
इन दो शिकायतों के पहले प्रफुल्ल सकलेचा के खिलाफ शिकायतों का सिलसिला जारी है। लोकेश जैन निवासी जवाहर मार्ग, ओम नमकीन व अन्य ने प्रफुल्ल सकलेचा के खिलाफ इसी साल जनवरी में कलेक्टर को की थी। इन्हीं शिकायतों के आधार पर प्रशासन ने जांच का दिखावा किया। संयुक्त कलेक्टर और कॉलोनी सेल के प्रभारी ने जांच की। इसमें निकलकर आया कि कॉलोनी में लोकेश जैन और अन्य 80 लोगों ने एक-एक हजार वर्गफीट के भूखण्ड साढ़े चार-साढ़े चार लाख रुपए में बुक किए। 2012, 2013 और 2014 में डायरी पर इनकी बुकिंग की गई, लेकिन आज तक किसी को प्लॉट नहीं मिले, बल्कि ये प्लॉट सकलेचा ने किसी और को बेच दिए। इसके बाद भी इन लोगों को पैसे नहीं लौटाए। सकलेचा इन लोगों के 3.61 करोड़ रुपए डकारकर बैठा हुआ है। जांच के बाद संयुक्त कलेक्टर ने 16 जून को ब्लूमबर्ग में खरीदी-बिक्री और नामांतरण पर रोक लगाते हुए एसडीओ हातोद को आदेश दिए कि सकलेचा के खिलाफ थाना हातोद पर एफआईआर दर्ज करवाई जाए। एक महीने से ज्यादा समय होने के बाद भी न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही सकलेचा पर कोई अन्य कार्रवाई। पुलिस का कहना है कि संयुक्त कलेक्टर का आदेश उन्हें मिला ही नहीं। तो फिर यह आदेश कहां दबा हुआ है, यह बड़ा सवाल है। यदि एसडीओ आदेश को एफआईआर दर्ज करवाना है तो वे अब तक पुलिस के पास क्यों नहीं पहुंचे? संयुक्त कलेक्टर ने अब तक आदेश पर हुई कार्रवाई का प्रतिवेदन क्यों नहीं तलब किया? ऐसे कई सवाल हैं, इस ओर इशारा करते हैं कि सकलेचा को कहीं न कहीं बचाने की कोशिश किसी न किसी स्तर पर लगातार की जा रही है।
ये भी शामिल हैं इस गोरखधंधे में
सुपर कॉरिडोर से लगे ग्राम सोनगीर की जमीन खसरा नंबर 289/2, 290/2/2, 291/6/1/1/1, 291/6/1/2, 291/6/1/3/2, 306/1, 306/2, 307 व 298 के कुल रकबा 17.596 हेक्टेयर पर एक्सट्रान रियल्टी (इंडिया) प्रा.लि. की ब्लूमबर्ग (आर्चिड पार्क) के नाम से कालोनी विकसित की गई। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार जमीनें सुनीता पति महेश, रामकन्याबाई पति नवलसिंह पटेल, सौदराबाई पति पुंजराज, संगीताबाई पति रामेश्वर, संतोष पति जगदीश, सुनीता पति विष्णु के नाम पर दर्ज पाई गईं। हालांकि कॉलोनी के प्लाटों की रजिस्ट्री एक्सट्रान रियल्टी (इंडिया) प्रा. लि. तर्फे अशोक शर्मा द्वारा की गईं। पर रजिस्ट्रियों में विक्रेता प्रमाणीकृत पोओए धारक में जमीन मालिकों के भी नाम दर्ज पाए गए। इस मामले में यह भी सामने आया कि सकलेचा ने गुड्डा पटेल से रेशो डील की थी। जमीन पटेल और उसके परिवार की है। रेशो डील में नेट सेलेबल प्लॉट एरिया में से 52 प्रतिशत पटेल को और 48 प्रतिशत सकलेचा को मिलना था। प्लॉटों की बिक्री और रजिस्ट्री करने के संबंध में कॉलोनी के अधिकृत डायरेक्टर अशोक शर्मा को अधिकार दिए गए थे। इसी आधार पर तीन साल पहले 2021 में कलेक्टर के आदेश के बाद प्रफुल सकलेचा निवासी 415 फार्च्यून एम्बियंस 4/2 साउथ तुकोगंज, रामेश्वर ह्यगुड्डाö पटेल निवासी बिचौली हप्सी, अशोक शर्मा, विवेक राठी, मयंक, रजनीश जैन, अनिल कुमार जैन, डॉ. अरूण जैन के खिलाफ थाना हातोद पर धारा धारा 420,406,120-बी के तहत एफआईआर की गई। दिखावे की गिरफ्तारी और कार्रवाई भी हुई और आज सभी बेखौफ घुलेआम घूम रहे हैं और पीडि़तों को धमका रहे हैं कि उनके खिलाफ शिकायतें न की जाएं।