स्वतंत्र समय, इंदौर
नगर निगम में ( Indore Corporation bill scam ) चल रहे करोड़ों रुपए के घोटाले में एक के बाद एक परत खुलती जा रही है। अब नगर निगम के द्वारा विधि विशेषज्ञों से इस बात की राय ली जा रही है कि ठेकेदारों के द्वारा फर्जी फाइल बनाकर जो भुगतान प्राप्त किया गया है उस भुगतान को इन ठेकेदारों से वापस कैसे वसूल किया जा सकता है? इस बारे में सलाह मशविरा का सिलसिला चल रहा है। फर्जी बिल घोटाले के मामले में निगम से निलंबित तथा फरार इंजीनियर अभय राठौर अब पुलिस की नजर में दस हजार का ईनामी फरार आरोपी घोषित हो गया है। डीसीपी जोन 3 पंकज पाण्डेय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि है अब राठौर पर दस हजार का ईनाम घोषित कर दिया गया है। इसी प्रकार एक अन्य जानका्री के मुताबिक निगम के द्वारा जीएसटी विभाग से 2 करोड रुपए की राशि वापस मांगी जाएगी। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों की रिमांड अवधि समाप्त हो गई है। शनिवार को सभी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
Indore Corporation bill scam में आरोपियों की रिमांड टाईम खत्म
करोड़ों के फर्जी बिल घोटाले ( Indore Corporation bill scam ) में फरार शातिर कार्यपालन यंत्री अभय राठौर की घर की तलाशी में पुलिस को कुछ नहीं मिला। वह मोबाइल भी घर छोडक़र गायब है। इसकी लोकेशन के लिए पुलिस की एक टीम उसके बंगले से लेकर रेलवे, बस स्टैंड और एयरपोर्ट तक के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। थाना एमजी रोड पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार ठेकेदार साजिद, जाकिर, राहुल वडेरा, रेणु वडेरा, सब इंजीनियर उदय सिसोदिया, कम्प्यूटर ऑपरेटर चेतन भदौरिया और कलर्क राजकुमार साल्वी सहित सभी सात आरोपियों की डिमांड अवधि खत्म होने पर कल पुलिस कोर्ट के समक्ष पेश करेगी। पुलिस को अभी कई बिंदुओं पर पड़ताल और दस्तावेजों की जप्ती आदि करना है करना है, इसलिए रिमांड अवधि बढ़ाने का निवेदन किया जाएगा।
पांच फर्मों को किया ब्लेक लिस्टेड
नगर निगम इंदौर में जल यंत्रालय तथा ड्रेनेज विभाग के 20 फर्जी बिल पकड़े जाने पर 5 फर्मों- मैसर्स जहान्वी इंटरप्राइजेस, मैसर्स क्षितिज इंटरप्राइजेस, मैसर्स किंग कंस्ट्रक्शन, मैसर्स नीव कंस्ट्रक्शन और मैसर्स ग्रीन कंस्ट्रक्शन के 20 बिल बिना किसी निविदा, अनुबंध और बिना कार्य के फर्जी बनाये जाकर निगम की वित्त शाखा में प्रस्तुत किये गये। इस आधार पर उक्त फर्मों को 3 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान किया गया। आयुक्त नगर निगम के संज्ञान में आने पर पाँचों फर्मों को ब्लेक लिस्ट कर भुगतान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दो और फर्म जांच में, इनकी फाइल पुलिस ने बुलाई
उधर पुलिस की जांच और पूछताछ में पांच फर्म के ठेकेदारों ने बताया कि केवल हम नहीं और भी फर्म है जो फर्जी बिल के काम में लगी है। इसमें ईश्वर और क्रिस्टल फर्म का नाम आया है। इसके बाद पुलिस ने इनकी भी फाइल नगर निगम से मांगी है। इसके पहले ग्रीन, किंग, नींव, क्षितिज और जान्हवी फर्म के संचालक आरोपी बन चुके हैं। साथ ही नगर निगम के सब इंजीनयर उदय भदौरिया, कम्प्यूटर इंट्री ऑपरेटर चेतन भदौरिया और क्लर्क राजकुमार साल्वी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उधर ऑडिट विभाग के तीन अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए निगम शासन को पत्र भेज चुका है तो वहीं लेखा विभाग को दो कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गई है।