इंदौर में अग्रवाल पब्लिक स्कूल संपत्ति कर घोटाले में निगम के सहायक राजस्व अधिकारी निलंबित

Indore News : इंदौर नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने शुक्रवार रात बड़ी कार्रवाई करते हुए सहायक राजस्व अधिकारी अरविंद नायक को निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई अग्रवाल पब्लिक स्कूल उर्फ लर्न बाय अग्रवाल चैरिटेबल ट्रस्ट के संपत्ति कर खाते में की गई हेराफेरी के चलते की गई है।

जांच में पाया गया कि स्कूल के कर खाते में बिना सक्षम स्वीकृति के क्षेत्रफल (एरिया) और कर राशि में अनधिकृत संशोधन किया गया, जिससे निगम को करीब सवा करोड़ रुपए से अधिक की वित्तीय हानि हुई।

सूत्रों के अनुसार, अग्रवाल पब्लिक स्कूल का संपत्ति कर खाता नगर निगम के झोन क्रमांक 19, वार्ड 76 में दर्ज है। वर्ष 2014-15 से यह खाता सक्रिय है। 23 अगस्त 2025 की स्थिति में निगम पोर्टल पर इस संपत्ति का क्षेत्रफल 5 लाख 77 हजार 6 वर्गफीट और कुल कर मांग 3 करोड़ 19 लाख 79 हजार 612 रुपए दर्ज थी। लेकिन 11 सितंबर 2025 तक यह क्षेत्रफल घटाकर 3 लाख 15 हजार 525 वर्गफीट और कर मांग घटाकर 1 करोड़ 82 लाख 88 हजार 53 रुपए कर दी गई।

यानी लगभग 1 करोड़ 36 लाख रुपए से अधिक की राशि घटा दी गई। यह पूरा संशोधन बिना सक्षम स्वीकृति और प्रक्रिया के किया गया था। जांच में खुलासा हुआ कि सहायक राजस्व अधिकारी अरविंद नायक ने अपने अधीनस्थ सहायक राजस्व निरीक्षक की यूजर आईडी से यह हेराफेरी की।

मामले की शिकायत मिलने पर आयुक्त यादव ने अपर आयुक्त राजस्व से जांच करवाई। जांच प्रतिवेदन में अनियमितता प्रमाणित होने पर यादव ने तत्काल प्रभाव से नायक को निलंबित कर ट्रेंचिंग ग्राउंड में पदस्थ किए जाने के आदेश जारी कर दिए।

नगर निगम का राजस्व विभाग पहले भी कई बार भ्रष्टाचार और हेराफेरी के मामलों में सुर्खियों में रह चुका है। हाल ही में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने भी राजस्व विभाग के एक अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। इससे पहले भी कई अधिकारी-कर्मचारी संपत्ति कर में गड़बड़ी के मामलों में निलंबित हो चुके हैं। बताया जाता है कि विभाग में अक्सर संपत्ति कर के खातों में जानबूझकर अधिक मांग दिखाकर बाद में राशि घटा दी जाती है, जिससे निगम को नुकसान होता है और संबंधित लाभार्थियों को फायदा पहुंचता है।

आयुक्त द्वारा इस निलंबन कार्रवाई के बाद राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। बीते दो दिनों से आयुक्त कार्यालय में इस प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों की जांच चल रही थी। देर रात निगम आयुक्त ने जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई करते हुए आदेश जारी किया। निगम सूत्रों के अनुसार, भविष्य में ऐसे मामलों पर कठोर कदम उठाने की तैयारी भी की जा रही है ताकि नगर निगम के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।