स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर शहर के सबसे व्यस्ततम क्षेत्र लवकुश, चौराहे पर डबल डेकर फ्लाइओवर ( double decker bridge ) का निर्माण किया जा रहा है। शहर के विकास यात्रा को अवरोध रहित बनाने हेतु इंदौर विकास प्राधिकरण ने शहर को एक बड़ी सौगात देने के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया है। ब्रिज के बनने से ट्रैफिक व्यवस्था में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। आईडीए ने अपने सर्वे करने के बाद डबल डेकर ब्रिज की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की है ।
double decker bridge की लंबाई 1452 मी., चौड़ाई 24 मी. रहेगी
इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के मुताबिक लवकुश, चौराहा डबल डेकर फ्लाइओवर ( double decker bridge ) के निर्माण लंबाई 1452 मीटर रहेगी एवं इसकी चौड़ाई 24 मीटर होगी। ब्रिज जमीन से इसकी अधिकतम ऊंचाई 70 फीट तक होगी,आमतौर पर जब,पुल निर्मित किए जाते है तो उँचाई 30 से 40 फीट तक होती है, लेकिन इस पुल की ऊंचाई ज्यादा रखने का मुख्य कारण मेट्रो ट्रेक है, क्योंकि तय मापदंडों के आधार पर मेट्रो ट्रेक से 7.0 मीटर ऊंचाई पर ही पुल की भुजा बनाई जा सकती है।
अगले साल ब्रिज तैयार करने का लक्ष्य
आईडीए सीईओ के मुुताबिक इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए जा रहे फ्लाइओवर के निर्माण कार्य मे लगने वाली कुल लागत 146.98 करोड़(+जीएसटी ) है े माह अप्रेल 2025 कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। ब्रिज जल्द ही निर्माण कार्य शुरु किया जा रहा है। अगले साल तक ब्रिज को तैयार कर दिया जाएगा।
दोनों तरफ 12-12 मीटर की चौड़ी सड़क होगी
उज्जैन रोड (अरविन्दो अस्पताल चौराहे से आरंभ ) होकर, बाण गंगा की ओर जाने वाले मार्ग पर बन रहे इस फ्लाइ ओवर की विशेषताओ की श्रंखला मे इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है कि,वाहनों को, उतार,चढ़ाव का सामना कम से कम करना पड़े । फ्लाइओवर के दोनों तरफ 12-12 मीटर की चौड़ी सडक़ का भी निर्माण किया जा रहा है,जिसके अंतर्गत ,मध्य भाग का कार्य सबसे अंतिम चरण मे किया जाएगा ,वही वर्तमान मे फ्लाइ ओवर की दोनों भुजाओ का निर्माण तीव्र गति से किया जा रहा हैे
डबल डेकर ब्रिज से ये होंगे फायदे…
- शहर के विभिन्न हिस्सों में यातायात को सुचारु और तेज बनाया जा सकेगा । इससे जाम की समस्या कम होगी ।
- एक ही स्थान पर दो स्तरों के फ्लाईओवर से, भूमि का उपयोग कम होगा, जिससे भूमि का बचाव होगा ।
- डबल डेकर फ्लाईओवर से यातायात सुगम हो जाएगा, जिससे2 लाख लोग लाभन्वित होंगे ,एवं अपने गंतव्य तक जल्दी पहुँच सकेंगे ।
- जाम में फंसे बिना, शीघ्र अपने गंतव्य तक पहुँच सकेंगे ,जिससे पेट्रोल डीजल की भी बचत होगी ।
- यातायात में सुधार होने से वाहनों के कम समय तक चलने से वातावरणपर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा , जिससे वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण, दोनों ही कमी आएगी।
- यातायात में सुधार होने से समय और ईंधन दोनों की बचत होगी ,जिससे व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी जिससे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा ।