JLL रिपोर्ट: इंदौर बनेगा रियल एस्टेट का नया पावरहाउस, 2027 तक 2.49 करोड़ वर्ग फुट होगा ऑफिस स्पेस

Indore News : मध्य प्रदेश का इंदौर शहर तेजी से मध्य भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी जेएलएल (JLL) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, शहर आने वाले तीन वर्षों में एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजरेगा, जो इसे मध्य भारत के कमर्शियल और इंडस्ट्रियल गेटवे के तौर पर स्थापित करेगा।

जेएलएल की रिपोर्ट “बियॉन्ड द मेट्रोज़: इनसाइट्स इनटू इंडियाज़ इमर्जिंग रियल एस्टेट स्टार्स” में कहा गया है कि रणनीतिक लोकेशन, विश्व स्तरीय शैक्षणिक संस्थान और महत्वाकांक्षी कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स के दम पर इंदौर रियल एस्टेट के सभी क्षेत्रों में जबरदस्त ग्रोथ के लिए तैयार है।

ऑफिस स्पेस में आएगा 38% का उछाल

रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर का ऑफिस मार्केट एक बड़े उछाल के मुहाने पर है। 2024 में शहर का मौजूदा ऑफिस स्टॉक 1.8 करोड़ वर्ग फुट है, जिसके 2027 तक 38% बढ़कर 2.49 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंचने की उम्मीद है। शहर का सुपर कॉरिडोर एक वर्ल्ड-क्लास बिजनेस डिस्ट्रिक्ट के रूप में विकसित हो रहा है, जो प्रमुख आईटी/आईटीईएस कंपनियों और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) को आकर्षित कर रहा है।

विजय नगर, एमआर10 और निपनिया जैसे इलाकों वाले न्यू सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) में पहले से ही 50-55 रुपये प्रति वर्ग फुट का प्रीमियम किराया है, जबकि यहां ऑफिस स्पेस की खाली जगह (वैकेंसी रेट) सिर्फ 4-5% है।

“इंदौर स्ट्रेटेजिक लोकेशन, मज़बूत इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और इकोनॉमिक डाइवर्सिफिकेशन का एकदम सही मेल है। 2027 तक ऑफिस स्पेस स्टॉक 38% बढ़कर 24.9 मिलियन वर्गफुट तक पहुंचने की उम्मीद है। 35 से 55 रुपये प्रति वर्गफुट के किराये पर ग्रेड-ए ऑफिस स्पेस की उपलब्धता इंदौर को पारंपरिक महानगरों के मुकाबले एक बेहतरीन विकल्प बनाती है।” — सुरेखा बिहानी, सीनियर मैनेजिंग डायरेक्टर, जेएलएल इंडिया

रिटेल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भी ग्रोथ

ऑफिस के अलावा, इंदौर के रिटेल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भी मजबूत वृद्धि की संभावना है। शहर का रिटेल स्टॉक 2024 के 57 लाख वर्ग फुट से बढ़कर 2027 तक 59 लाख वर्ग फुट तक पहुंचने का अनुमान है। एमजी रोड जैसे प्रीमियम रिटेल कॉरिडोर में 150-200 रुपये प्रति वर्ग फुट का औसत किराया है।

वहीं, लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल सेक्टर को शहर के लिए सबसे बड़ा ग्रोथ ड्राइवर माना जा रहा है। इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर मध्य भारत के सबसे बड़े औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स गेटवे के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। 2024 में 2.63 करोड़ वर्ग फुट का मौजूदा स्टॉक आने वाले वर्षों में काफी बढ़ने की उम्मीद है।

मेट्रो और बस टर्मिनल से बदलेगी तस्वीर

शहर के विकास को गति देने में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की अहम भूमिका है। मेट्रो लाइन-3 का पहला चरण 2025 में पूरा होने की उम्मीद है, जो शहर के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को जोड़ेगा। इसके अलावा, नया कुमेड़ी इंटर-स्टेट बस टर्मिनस भी क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा, जिसकी क्षमता रोजाना 80,000 यात्रियों की होगी।

विश्लेषकों का मानना है कि इंदौर अब अपने विकास के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है। महानगरों की तुलना में कम किराया, गुणवत्तापूर्ण डेवलपर्स की मौजूदगी और बेहतर होती कनेक्टिविटी इसे निवेशकों और व्यवसायों, दोनों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन बना रही है।