स्वतंत्र समय, इंदौर
अच्छे काम लिए ऊपर वाला भी साथ देता है और राह बना देता है। कुछ ऐसा ही खजराना और लवकुश चौराहे पर रहे फ्लाईओवर्स ब्रिज ( FOB ) के साथ हुआ है। जब जनता की सुविधा के बीच मंदिर आ रहे थे, प्रशासन ने बात की तो दोनों मंदिरों से जुड़े लोग और क्षेत्रवासी शिफ्टिंंग के लिए राजी हो गए। दोनों मंदिरों की प्रतिमाएं दूसरे मंदिर में शिफ्ट कर दी गईं। अब ब्रिज के निर्माण कार्य में तेजी आ सकेगी।
FOB का आर्म भुजा तैयार हो चुका है
इन दोनों पुलों का निर्माण इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा कराया जा रहा है। ताकि शहर में चारों ओर ट्रेफिक सुचारू ढंग से चलता रहे। इसी उद्देश्य से खजराना चौराहे पर बन रहे फ्लाईओवर ब्रिज ( FOB ) का आर्म भुजा तैयार हो चुका है, लेकिन खजराना गणेश मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते के दूसरे आर्म में ग्रीन बेल्ट पर बना राम-हनुमान मंदिर बाधा बन रहा था। इस बाधा को दूर करने के लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राम प्रकाश अहिरवार ने कलेक्टर आशीष सिंह से चर्चा की। दोनों अधिकारियों ने क्षेत्र के लोगों और मंदिर में पूजन का कार्य करने वालों से चर्चा की। सीईओ अहिरवार का जोर शुरू से ही आपसी प्रयास से समस्या के समाधान का था। उनके प्रयासों को उस समय सफलता मिल गई, जब उन्होंने पुल के बोगदे में ही प्राधिकरण द्वारा नया मंदिर बनाकर उसमें प्रतिमाओं की शिफ्टिंग का प्रस्ताव रखा। क्षेत्र के श्रद्धालु और मंदिर के पुजारी भी इस पर राजी हो गए। मंदिर का निर्माण होते ही गतदिवस पुराने मंदिर के प्रतिमाएं पूरे विधि विधान के साथ नए मंदिर में शिफ्ट कर दी गईं।
लवकुश चौराहे से हटा शिवमंदिर
यही स्थिति इंदौर में लवकुश चौराहे पर बन रहे प्रदेश के पहले डबल डेकर फ्लाईओवर ब्रिज की थी। इस पुल का निर्माण शिव मंदिर के कारण रुक रहा था। कारण बाधा पैदा हो रही थी। कलेक्टर आशीष सिंह और आईडीए के सीईओ ने यहां भी लोगों को नए मंदिर का विकल्प दिया। लोग तैयार हो गए। गतदिवस पुराने शिव मंदिर की प्रतिमाएं भी नए मंदिर में शिफ्ट कर दी गई। समस्या का समाधान होते ही दोनों पुराने मंदिरों के भवनों को तोडक़र फ्लाईओवर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया गया। अब जल्द ही शहर को इन दोनों ब्रिज की सौगात मिल सकती है।