स्वतंत्र समय, इंदौर
अक्सर देखने में आता है कि किसी भी विकास कार्य के दौरान दरगाह ( Dargah ) और मंदिर को हटाने के लिए नगर निगम को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ता है, लेकिन इंदौर शहर में हिंदू-मुस्लिम की एक ऐसी मिसाल पेश हुई, जहां पर रोड में बाधक बन रही एक दरगाह को मुस्लिम समाज ने हटाने के लिए सहमति दी। इस सहमति के बाद नगर निगम ने दरगाह को सम्मानपूर्वक हटा दिया।
काफी समय से बाधक बनी हुई थी Dargah
इंदौर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने बताया कि बियाबानी से गंगवाल बस स्टैंड के बीच बाधक बन रही दरगाह ( Dargah ) को लेकर लंबे समय से मुस्लिम समाज के धर्म गुरुओं के साथ चर्चा की जा रही थी। चर्चा के बाद दरगाह हटाने पर सहमति बन गई और शहर हित में मुस्लिम समाज ने इस दरगाह को हटाने के लिए सहमति दी। इसके बाद नगर निगम के बुलडोजर ने दरगाह को सम्मानपूर्वक हटा दिया। कमिश्नर शिवम शर्मा ने कहा कि अब इंदौर के अंदर यातायात को शुगम और सुरक्षित बनाने के लिए शहर में अलग-अलग जगह पर सडक़ चौड़ीकरण किया जा रहा है। जहां पर कई जगहों पर धार्मिक स्थल बाधक बने हुए हैं, उन्हें नगर निगम धर्म गुरुओं के साथ चर्चा कर कर हटाने का काम करेगा। जिस तरह से इंदौर के गंगवाल बस स्टैंड से बियाबानी के बीच में दरगाह बाधक बनी थी, उसे समझाइश इसके बाद हटा दिया गया और अब जल्द ही रोड को चौड़ा करने का काम पूरा कर दिया जाएगा।
दरगाह हटाने के लिए कड़ी सुरक्षा की गई थी
तीन चार दिनों से नगर निगम प्रशासन लगातार मुस्लिम समाज के लोगों से चर्चा कर बियाबानी की दरगाह हटाने पर सहमति बनाई जा रही थी। दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बनने के बाद दरगाह हटाने के लिए समय तय किया जा रहा था, लेकिन दो दिनों बाद दरगाह हटाने का समय तय हुआ। गुरुवार को दरगाह हटाने के लिए एक दिन पहले सारी तैयारियां हो चुकी थी। नगर निगम की ओर से जिला प्रशासन के अधिकारी भारी पुलिस बल और अर्ध सैनिक बल की मौजूदगी में सुबह एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। निगम की रिमूव्हल टीम के कर्मचारी और कई अधिकारी एक साथ बियाबानी क्षेत्र में पहुंच गए। इस क्षेत्र में नगर निगम के द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सडक़ का निर्माण और चौड़ीकरण का कार्य किया गया है।
इसलिए दरगाह हटाने का फैसला लिया
बियाबानी में रोड किनारे सालों पुरानी दरगाह बनी हुई थी। दरगाह के एक तरफ जहां लेफ्ट टर्न में बाधक है तो वहीं दूसरी तरफ दरगाह के कारण यातायात जाम होता था । इस कारण यातायात के दबाव वाले समय पर क्षेत्र में यातायात की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो जाती है। इन सारे तथ्यों को देखते हुए इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन के द्वारा इस दरगाह को हटाने का फैसला लिया गया।
कार्रवाई के दौरान दोनों तरफ से रास्ता बंद करना पड़ा
सुबह निगम , प्रशासन और पुलिस के अधिकारी बड़ी संख्या में पुलिस बल और अर्थ सैनिक बल को लेकर क्षेत्र में पहुंच गए थे। इस स्थान पर कार्रवाई की शुरू करने से पहले सडक़ के दोनों तरफ के यातायात को बंद कर दिया गया था। पूरे क्षेत्र में पुलिसकर्मी फैल गए थे। उसके बाद में इस कार्रवाई को शुरू किया गया। इस कार्रवाई के तहत नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा मैनुअल तरीके से इस दरगाह को तोड़ा गया। इस कार्यवाही की सबसे खास बात यह रही की इस कार्रवाई के दौरान कहीं कोई विवाद या चर्चा जैसी स्थिति नहीं बनी।
दूसरा स्थान भी देंगे
इस मौके पर यह भी चर्चा थी कि जिस दरगाह को हटाया गया है उसे दूसरे स्थान पर स्थापित करने के लिए जगह भी दे दी जाएगी। वैसे क्षेत्र के लोगों ने भी इस मुद्दे को कोई बहुत ज्यादा तूल देने की कोशिश नहीं की है। दरगाह को तोडऩे के साथ ही हाथों हाथ मलबा मौके पर से उठाकर हटवा दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ मौके पर इक_ा होने लगी थी। यह लोग तमाशा देखने के लिए इक_ा हो रहे थे। इन लोगों को तत्काल पुलिस बल के द्वारा मौके से भगाया गया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान कहीं कोई विरोध के स्वर नहीं उठे। यह दरगाह धर्म स्थल विधानसभा 4 के वार्ड 69 में आती है। इस मामले में पार्षद मीता रामबाबू राठौर ने रास्ते में आ रही दरगाह को हटाने के लिए दो साल में कई बार झोन और निगम मुख्यालय को पत्र भी लिखे। पार्षद पति रामबाबू राठौर ने बताया कि अब दरागह हटने के बाद एक अन्य दरगाह छत्रीबाग रोड स्थित सेवालय अस्पताल के पास पुलिस स्थल पर शिफ्ट किया जाएगा।