इंदौर में बना Green Corridor, चार को मिला नया जीवन

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर में शुक्रवार को ब्रेन डेड रोगी के अंगदान से चार लोगों को नया जीवन मिला। इंदौर में 58वां ग्रीन कॉरिडोर ( Green Corridor ) सीएचएल हॉस्पिटल से बना। शाम सात बजे ग्रीन कॉरिडोर के जरिए पांच मिनट और सात मिनट में दो किडनी और दोनों आंखें दूसरे अस्पताल में भेजी गईं। इसके बाद अंगों का जरूरतमंद रोगियों में किया गया। ऑपरेशन की तैयारी पहले ही डाक्टरों ने कर रखी थी। शाजापुर निवासी 44 वर्षीय मनीषा राठौर को एक सडक़ हादसे के बाद इंदौर रेफर किया गया था। गुरुवार रात को उनके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद मनीषा की बेटी ने अपनी मां के अंगदान का निर्णय लिया। मनीषा के परिजनों ने भीगी पलकों से अंगों को विदा किया।

यूं बने Green Corridor

प्रथम ग्रीन कॉरिडोर ( Green Corridor ) केयर सीएचएल हॉस्पिटल से राजश्री अपोलो हॉस्पिटल तक शाम 6.45 से 6.52 तक बना। दूसरा ग्रीन कॉरिडोर केयर सीएचएल हॉस्पिटल से एमिनेंट हॉस्पिटल शाम 6.45 से 6.50 तक बना। इंदौर सोसाइटी फॉर ऑर्गन डोनेशन के अध्यक्ष व संभागायुक्त दीपक सिंह की अगुवाई में ग्रीन कॉरिडोर बना। मुस्कान गु्रप पारमार्थिक ट्रस्ट के जीतू बांगानी और संदीपन आर्य ने भी परिजनों को अंगदान के लिए प्रेरित किया।